अयोध्या : दो माह में नहीं खोजा जा सका मंदबुद्धि किशोरी का परिवार 

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Published By Virendra Pandey
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सीडब्लूसी ने जिला अस्पताल से लखनऊ राजकीय बाल गृह भेजवाया

अमृत विचार,अयोध्या। दो माह पूर्व नगर कोतवाली के मकबरा इलाके में लावारिस मिली मंदबुद्धि किशोरी की शिनाख्त नहीं हो पाई और न ही उसके परिवार का पता चल पाया। जिसके चलते बाल कल्याण समिति के आदेश पर बुधवार को जिला अस्पताल प्रशासन ने बच्चा वार्ड में इलाज करा रही मंदबुद्धि किशोरी को अग्रेतर उपचार और देखभाल के लिए राजकीय बाल संरक्षण गृह लखनऊ रवाना किया है।  

गौरतलब है कि 24 नवंबर की सुबह एक 15 वर्षीय किशोरी लावारिस हाल में नगर कोतवाली क्षेत्र के मकबरा इलाके में मिली थी।  उसे लगभग 9.50 बजे लेकर जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया था और इस मंदबुद्धि किशोरी के मामले की जानकारी जिला बाल कल्याण समिति को दी गई थी।  शिनाख्त की कवायद में मंदबुद्धि किशोरी लगभग ढाई माह तक बच्चा वार्ड में भर्ती रही। पुलिस ने मंदबुद्धि किशोरी की शिनाख्त और उसके परिवार की तलाश के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया और न ही उसके परिवार वाले खोजबीन करते हुए यहां पहुंचे।

मामले में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी की ओर से मंगलवार को जिला अस्पताल प्रशासन और अन्य को पत्र जारी कर मंदबुद्धि किशोरी को अग्रेतर उपचार तथा देखभाल के लिए विशेषीकृत राजकीय बाल गृह मोहन रोड लखनऊ भेजवाने का निर्देश दिया। बुधवार को जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. सीबीएन त्रिपाठी ने बताया कि बाल कल्याण समिति के निर्देश पर दो माह से ज्यादा समय से बच्चा वार्ड में भर्ती मंदबुद्धि किशोरी को एंबुलेंस व उसके ईएमटी दीपक पांडेय तथा वन स्टाप सेंटर की विमलेश रावत व सेविका आरती प्रजापति के साथ लखनऊ भेजवाया गया है।

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