रामनगर: बोले किन्नर... सम्मेलन नहीं यह हमारी परंपरा.. समाज के प्रति हमारी भी जवाबदेही

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Published By Bhupesh Kanaujia
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विनोद पपनै, रामनगर। कौमी एकता की मिसाल अगर देखनी है तो अखिल भारतीय किन्नर सम्मेलन को देखने चले आइए। यहां मिनी भारत की अनेकता में एकता की अनूठी मिसाल देखने को मिल रही है। भारत भर से आये किन्नरों के इस महाधिवेशन में जहां अस्थायी रूप से मंदिर की स्थापना की गई है वहीं मस्जिद को भी बनाया गया है। इन दोनों स्थानों पर किन्नर पूजा पाठ के साथ नमाज भी पढ़ते हैं। 
 

इंदौर, कलकत्ता, लखनऊ, बनारस, उत्तराखंड के अलावा देश के अनेक स्थलों से आये किन्नर समाज में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख एवं ईसाई समाज के किन्नर भी शामिल हैं। बिना भेदभाव के एक साथ बैठकर पंचायत करना, साथ बैठकर एक सा भोजन कर कौमी एकता का संदेश दिया जा रहा है। 

अधिवेशन की आयोजक याना खान का कहना है कि यह जात पात के झगड़े इंसानों ने बनाये हैं। मगर हमारे किन्नर समाज में यह देखने को नहीं मिलेगा। सब आपस में आपसी सद्भाव के साथ रहकर दुनिया को भी इसी तरह रहने का संदेश देने का काम किया करते हैं।याना खान की गुरु रेशमा बुआ कहती हैं कि रविवार को किन्नर समाज अब्दुल्ला शाह की मजार पर चादर पोशी करेगा साथ ही कोसी घाट पर बालाजी मंदिर में वैदिक रीतिरिवाजों के साथ पूजा अर्चना भी करेगा।

मंदिर में घंटा चढ़ाया जाएगा। कोई भी निर्धन चाहे किसी भी धर्म का हो सर्दियों में उनके गर्म वस्त्रों, रजाई आदि देने का काम किया जाता है।  अधिवेशन में मौजूद कशिश नायक, आमना नायक, बीना नायक, अकरम नायक, सुनीता नायक ने कहा कि किन्नर समाज शुरू से ही कौमी एकता बनाये रखने की अपील लोगों से करता रहा है। जब अमन शांति होगी तभी हम सबकी और देश की तरक्की होगी।