अयोध्या : बैंकों ने की 4.66 करोड़ की ऋण वसूली 

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Published By Virendra Pandey
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अमृत विचार,अयोध्या। दीवानी न्यायालय प्रांगण में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ न्यायमूर्ति शिव शंकर प्रसाद उच्च न्यायालय प्रयागराज और प्रशासनिक न्यायमूर्ति जनपद संजीव की ओर से किया गया। लोक अदालत में करीब 41 हजार 192 वादों का निस्तारण किया गया, जबकि बैंकों ने लगभग चार करोड़ 66 लाख 25 हजार 716 रुपये की ऋण वसूली की। 

न्यायमूर्ति शिव शंकर प्रसाद ने कहा कि लोक अदालत की मूल भावना लोक कल्याण में निहित है, इसलिए आपसी मतभेदों को भुलाकर सुलह- समझौता कर आपसी भाईचारा और सौहार्द व बन्धुत्व कायम रहे, यह उद्देश्य है। बृजेश कुमार सिंह नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत एवं शैलेन्द्र सिंह यादव सचिव,अपर जिला जज के अनुसार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 41 हजार 192 वादों को निस्तारित किया गया। रामायण शर्मा प्रधान न्यायाधीश, परिवारिक न्यायालय की ओर से परिवारिक विवाद के कुल 65, राजेन्द्र सिंह की ओर से 77 एवं प्रशांत शुक्ल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से कुल 6610 वाद निस्तारित किये गये।

बैंक रिकवरी से सम्बन्धित प्री-लिटिगेशन स्तर पर 646 वाद निस्तारित किये गये। बैंक सम्बन्धित ऋण चार करोड़ 66 लाख 25 हजार 716 रुपये वसूल किये गये। संबंधित मजिस्ट्रेट के न्यायालयों की ओर से 11,680 फौजदारी वादों को निस्तारित किया गया। जिसके एवज में तीन लाख 73 हजार रुपये अर्थदंड अधिरोपित किया गया है। सिविल न्यायालय की ओर से 577 मामलों का निस्तारण किया गया। अतिरिक्त न्यायालय एनआई एक्ट में कुल 20 वाद निस्तरित किया गया। राजस्व मामलों से संबंधित 28,074 वाद विभिन्न राजस्व न्यायालय की ओर से निस्तारित किये गये। इस अवसर पर विभिन्न बैंकों की ओर से पंडाल लगाए गए।

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