मैक्रों सरकार के पेंशन सुधारों के खिलाफ फ्रांस में बवाल जारी, 'मैक्रो हमारी पेंशन बंद करो!' के लगे नारे

Amrit Vichar Network
Published By Priya
On

पेरिस। फ्रांस सरकार के विवादास्पद पेंशन सुधार के खिलाफ राजधानी पेरिस समेत फ्रांस के विभिन्न हिस्सों में पांचवें राष्ट्रव्यापी विरोध में बड़ी भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया तथा मैक्रॉं सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किये। मध्य पेरिस में प्लेस डे ला बैस्टिल में गुरुवार को करीब एक बजे विरोध शुरू हुआ। 

प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख फ्रांसीसी ट्रेड यूनियनों के बैनर और ‘मैक्राँ, हमारी पेंशन बंद करो!’ और ‘64 साल की उम्र में पेंशन नहीं!’ का नारा भी लगाया। गुरुवार को पूरे फ्रांस में 200 से अधिक प्रदर्शन हुए जिसमें मार्सिले, ल्योन, बोर्डो और नैनटेस जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए। बाद में दिन में, बीएफएमटीवी ने फ्रांसीसी आंतरिक मंत्रालय का हवाला देते हुए बताया कि 440,000 लोगों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसमें 37,000 लोग पेरिस की सड़कों पर उतरे थे।

उसी समय, एक फ्रांसीसी ट्रेड यूनियन, जनरल कन्फेडरेशन ऑफ लेबर ने दावा किया कि देश भर में विरोध प्रदर्शनों में 13 लाख से अधिक लोगों और अकेले पेरिस में लगभग 300,000 प्रदर्शनकारियों ने भाग लिया। सप्ताह के प्रारंभ में, पेरिस ओरली हवाई अड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रकों ने विवादास्पद सुधार के खिलाफ हड़ताल की घोषणा की, जिससे प्रशासन को विरोध के कारण गुरुवार को हवाई वाहकों को 30 फीसदी उड़ानें रद्द करने के लिए कहना पड़ा। 

गौरतलब है कि जनवरी में, फ्रांसीसी प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने विवादास्पद पेंशन सुधार के एक मसौदे का एलान किया, जिसे सरकार 2023 में अपनाने की योजना बना रही है। पहल के तहत, फ्रांसीसी नेताओं व अधिकारियों का इरादा एक सितंबर 2023 से देश में सेवानिवृत्ति की आयु को धीरे-धीरे तीन महीने बढ़ाने का है। वर्ष 2030 तक, सेवानिवृत्ति की आयु 64 वर्ष तक पहुंच जाएगी। 

बोर्न की घोषणा के बाद से फ्रांस में अब तक की पांचवीं राष्ट्रव्यापी हड़ताल है क्योंकि लोग सुधार का विरोध कर रहे हैं। पेंशन सुधार के खिलाफ पहली आम हड़ताल 19 जनवरी को हुई और पेरिस में 80,000 के साथ देश भर में एक लाख से अधिक लोगों को इकट्ठा किया। गत 31 जनवरी को दूसरे प्रदर्शन में कुल 28 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। चूंकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राँ हैं इसलिए प्रदर्शनकारी उनके ही खिलाफ अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें:- Uttarakahnd India Nepal Border: काली नदी पर बने दो झूलापुल शुरू, लोगों को आवागमन में होगी सुविधा 

संबंधित समाचार