लखनऊ: सीमैप में पांच दिवसीय प्रशिक्षण की हुई शुरुआत, सुक्ष्म और लघु उद्योग की दी जानकारी
लखनऊ, अमृत विचार। सूक्ष्म और लघु उद्यम को बढ़ावा देने के लिए औषधीय एवं सगंध पौधों से निर्मित वैल्यू-एडेड उत्पादों पर मंगलवार को सीमैप में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पांच दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में विभिन्न राज्यों से लगभग 20 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनोज सेमवाल ने बताया कि पहले दिन सोमवार को पूर्व औषधि महानियंत्रक, भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। इस मौके पर उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यम को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं के बारे में जानकारी साझा की।
सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि सीएसआईआर-सीमैप द्वारा औषधीय एवं सगंध पौधों से निर्मित 15-20 हर्बल उत्पादों की तकनीकियों का विकास कर चुका है और यह तकनीकियां हस्तानांतरण के लिए तैयार हैं। वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने प्रतिभागियों को संस्थान द्वारा प्रदत्त सेवाओं के बारे मे जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर प्रमुख व्यापार विकास विभाग के डॉ. आरके श्रीवास्तव ने कहा कि यह वैज्ञानिक पहल भारतवर्ष को हर्बल उत्पाद उद्योग में आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करेगा। इससे देश में बने हर्बल उत्पादों को घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात भी किया जा सकता है, जिससे भारत को विदेशी मुद्रा का भी अर्जन होगा।
इस मौके पर डीपी मिंडाला और मनोज कुमार यादव ने प्रतिभागियों को अनुसंधान प्रक्षेत्र व मानव गार्डेन का भ्रमण कराया। इसके पश्चात डॉ. अनिर्बन पाल ने सीएसआईआर-सीमैप में ट्रांसलेशनल रिसर्च से औषधीय और सुगंधित पौधों पर आधारित उत्पादों के बारें मे जानकारी दी। इस मौके पर डॉ. अनिर्बन पाल, डॉ. संजय कुमार, डॉ. राम सुरेश शर्मा, डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे, डीपी मिंडाला, प्रियंका सिंह, मनोज कुमार यादव व दीपक कुमार वर्मा उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें:-लखनऊ: अप्रैल से शुरू होंगी दिव्यांगों की कक्षाएं, नए सत्र में चालू होगा समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय
