जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले परिवारों का विस्तृत सर्वेक्षण करने की जरूरत : DGP
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे परिवारों के विस्तृत सर्वेक्षण की जरूरत और घुसपैठ रोधी तंत्र को मजबूत करने के लिए नयी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर दिया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। सिंह ने यह बात सीमा प्रबंधन कार्यबल की शुक्रवार को हुई बैठक में कही जिसमें पुलिस, सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
ये भी पढ़ें - त्रिपुरा: निर्वाचन आयोग ने की 60 मतगणना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति
प्रवक्ता ने बताया कि बैठक के दौरान अंतर एजेंसी समन्वय, सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों की समस्याएं, पिछली बैठक में लिए गए फैसलों के क्रियान्वयन में खामी की पहचान सहित सीमा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान डीजीपी ने सीमा प्रबंधन कार्यबल के उद्देश्य को रेखांकित किया जिसका लक्ष्य विभिन्न हितधारकों से समन्वय को बढ़ाना और तालमेल के साथ काम करना है खासतौर पर मौजूदा समय में उभरती चुनौतियों के मद्देनजर।
सिंह ने बेहतर निगरानी और घुसपैठ रोधी तंत्र को मजबूत करने के लिए सूचना के सुचारु आदान-प्रदान और नयी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर दिया। डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन की सिफारिश का संदर्भ देते हुए उन्होंने सीमावर्ती इलाकों में रह रहे परिवारों के विस्तृत सर्वेक्षण के पूर्व में दिए गए निर्देश को दोहराया।
प्रवक्ता ने बताया कि इस बैठक में जम्मू संभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह, एडीजीपी (समन्वय) मुख्यालय दानेश राणा, जम्मू डिवीजन के अरयुक्त रमेश कुमार, 15 कोर की 28 इंफेंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल गिरिश कालिया, नौंवी कोर के 26 इंफेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल गौतम सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
ये भी पढ़ें - नफरत की आग भड़का रही है भाजपा, अल्पसंख्यक और दलित निशाने पर: सोनिया गांधी
