यूपी के बरेली मंडल में विकास की रफ्तार सबसे तेज, इन जिलों को पहली रैंक

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Published By Vishal Singh
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मूल्यांकन कार्य निगरानी को 55 मुख्य परीक्षकों को नियुक्त किया

बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में इस बार बरेली विकास की दौड़ में सबसे आगे निकलने वाला मंडल बना है। उत्तर प्रदेश कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग की ओर से जारी रैंकिंग में बरेली के साथ बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत समेत मंडल के बाकी तीनों जिलों ने भी पहला स्थान हासिल किया है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले विकास कार्यों को पूरा करने में बरेली मंडल ने अलग पहचान बनाई है।

बरेली मंडल को यह रैंक जिन कार्यों के आधार पर मिली है, उनमें एक 979 सोलर फोटोवॉल्टिक सिंचाई पंप स्थापित करना है। सम्मान निधि के लिए 827109 कृषकों का पोर्टल पर डाटा फीड कर उन्हें लाभान्वित किया गया है। गौ संरक्षण कार्यक्रम में मंडल में 61383 गोवंश पशुओं को संरक्षित करने के साथ मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना में 16816 पशुओं को इच्छुक पशुपालकों के सुपुर्द किया गया। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मंडल में 1834436 गोल्डन कार्ड बनाकर प्रदेश में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्य पूरे मंडल में प्राथमिकता और पारदर्शिता के साथ कराए जा रहे हैं। इसी वजह से चारों जिलों की प्रदेश में पहली रैंक मिली है। सभी जिलाधिकारियों और सीडीओ को बधाई देकर उनका उत्साहवर्धन किया है - संयुक्ता समद्दार, कमिश्नर।

घर के पास स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं 496 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने बताया कि 2019-20 तक लक्षित 496 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर मंडल में क्रियान्वित किए गए हैं। इससे लोगों को घर के पास स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। गंभीर बीमारियों की भी जांच कर निशुल्क दवाएं दी जा रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मंडल में 15870 समूह का गठन कराया गया है। इससे 172480 परिवार सीधे लाभान्वित हो रहे हैं।

51 नई सड़कें और 89 पुरानी सड़कों की हुई मरम्मत
मंडल में 26 नहर और सड़कों पर सेतु का निर्माण कराया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 51 नई सड़कों, 89 पुरानी सड़कों की मरम्मत कराई गई। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना मनरेगा में 139.26 लाख रोजगार सृजित किए गए। 1894 सामूहिक विवाह बरेली मंडल में कराए गए। इसमें बरेली में 238, बदायूं में 807, पीलीभीत में 552 और शाहजहांपुर में 297 सामूहिक विवाह हुए।

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