हल्द्वानीः माफिया का नया बिजनेस प्लान, दस लोग जोड़ने पर ड्रग्स की डोज फ्री

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Published By Shobhit Singh
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हल्द्वानी, सर्वेश तिवारी, अमृत विचार। रगों में जहर घोल रहे ड्रग्स माफियाओं ने अब बड़े बिजनेस फार्मूले पर काम शुरू कर दिया है। ठीक उसी तरह, जिस तरह कोई कंपनी बड़ा बनने के लिए चेन सिस्टम फार्मूले का इस्तेमाल करती है। ड्रग्स माफिया भी अब दस ग्राहक जोड़ने पर स्मैक की डोज फ्री देने का ऑफर दे रहे हैं।

स्मैक का दो से तीन बार इस्तेमाल यानि इस्तेमाल करने वाला पूरी तरह से स्मैक का गुलाम हो जाता है। फिर इससे आजादी लगभग नामुमकिन हो जाती है और लत पूरी करने के लिए नशेड़ी किसी भी हद से गुजरने को तैयार हो जाता है। लोगों को लत नहीं लगेगी तो धंधा अपने आप चौपट हो जाएगा और इसी डर से स्मैक माफिया ने नया बिजनेस फार्मूला तैयार किया है। इस फार्मूले के तहत पहले एक को स्मैक की लत लगाई जाती है। लती होने पर उसे प्रलोभन दिया जाता है कि अगर उसने अपने साथ स्मैक पीने के लिए दस नए साथी जोड़ लिए तो जोड़ने वाली की डोज मुफ्त कर दी जाएगी। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले साल के 365 दिनों में पुलिस ने नशे से जुड़े 193 केस दर्ज किए और 254 लोगों को गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी में न सिर्फ पैडलर्स हैं, बल्कि तस्कर भी हैं। गुजरे साल में नैनीताल पुलिस ने पांच किलोग्राम से ज्यादा स्मैक बरामद की जो अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। 

वर्ष 2022 में बरामद हुई नशे की खेप
- 22 किलो 727 ग्राम चरस
- 05 किलो 151 ग्राम 859 मिग्रा स्मैक
- 141 किलो 800 ग्राम गांजा
- 541 ग्राम हैरोइन
- 3439 नशीले इंजेक्शन

पुलिस ने मांगा जनता का साथ, दिया अपना फोन नंबर

एसएसपी पंकज भट्ट ने जिले की जनता से आग्रह किया है कि नशा कारोबारियों के नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए पुलिस का साथ दें। नशे की बिक्री, खपत और उपयोग संबंधी जानकारी फोन नंबर 05942-235847 व उत्तराखंड पुलिस एप पर साझा करें। पुलिस ने यह भरोसा दिया है कि सूचना देने वाले को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। 

काउंसिलिंग से असली मुजरिम ट्रैक कर रही पुलिस

नशाखोरों की धर-पकड़ के साथ पुलिस ने अब कार्रवाई के तरीके में फेरबदल किया है। पुलिस अब नशेड़ियों की काउंसिलिंग करा रही है और इस काउंसिलिंग के जरिये नशेड़ियों का भरोसा जीत कर उन्हें समाजहित में पुलिस का साथ देने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसी के साथ  पुलिस ड्रग नेटवर्क को ध्वस्त करने की कोशिश में जुटी है। 

सही ठिकाने पर पहुंच जाता है 80 प्रतिशत माल

पुलिस ने इस बात को स्वीकार किया है कि जिले में दाखिल होने वाली नशे की खेप का केवल 20 प्रतिशत माल ही पुलिस बरामद कर पाती है, जबकि 80 प्रतिशत माल अपने सही ठिकाने पर पहुंच जाता है। पुलिस का मानना है कि नशे के इस नेटवर्क को बगैर जनता की जागरुकता के खत्म नहीं किया जा सकता। नशे का यह कारोबार पूरी तरह डिमांड और सप्लाई पर टिका है।