Kanpur: वाह रे सिस्टम! उपचार से पहले पहना दिया कफन, मृत समझकर मार्चुरी में पहुंचा दिया, फिर अचानक होने लगा ये

Amrit Vichar Network
Published By Kanpur Digital
On

कानपुर में उपचार से पहले ही युवक को कफन पहना दिया।

कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र में घायल युवक को मृत समझकर उपचार से पहले ही उसे कफन पहना दिया। इसके बाद उसे मार्चुरी पहुंचा। परिजन गोद में लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे। यहां करीब तीन घंटे इलाज के बाद युवक को मृत घोषित कर दिय गया।

कानपुर, अमृत विचार। बिधनू थानाक्षेत्र अंतर्गत मझावन गांव के पास दो पिकअप की हुई आमने-सामने भिड़ंत में एक युवक की मौत और चार लोग घायल हो गए थे। इस हादसे में पुलिस और डॉक्टरों की ओर से बड़ी लापरवाही देखने को मिली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने नाजुक हालत में युवक को मृत समझकर कफन बैग में पैक करने के बाद सील कर मार्चुरी पहुंचा दिया। इस दौरान परिजनों को युवक के शरीर में कुछ हरकत लगी।
 
वहां मौजूद होमगार्ड से जिंदा होने की बात कही। उसे विश्वास नहीं हुआ, जिसके बाद घरवाले होमगार्ड से विवाद के बाद इलाज के लिए सील तोड़कर युवक को गोद में लेकर हैलट लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उपचार शुरू किया। करीब तीन घंटे बाद युवक को मृत घोषित किया गया। इस घटना से परिजनों में पुलिस और डॉक्टर के प्रति आक्रोश है। 
 
बर्रा 8 के मेहरबान सिंह पुरवा पिपौरी निवासी इकबाल हुसैन का 22 वर्षीय बेटा अहमद हुसैन प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था। इसके साथ वह सीजनल शादी समारोह में डीजे का भी व्यापार देखता था। उसके पिता ने बताया कि उसका बड़े बेटा अफजल, छोटा बेटा अहमद हुसैन गांव के ही चालक राघवेंद्र के साथ फतेहपुर गुटैया खेड़ा स्थित एक शादी समारोह में डीजे लगाने गए हुए थे। रविवार रात को सभी पिकअप से घर लौट रहे थे। मझावन गांव के पास सामने से आ रही पिकअप से भिड़ंत हो गई। इस दौरान पीछे से आ रही एक कार भी दुर्घटनाग्रस्त पिकअप से टकरा गई।
 
पिकअप में पीछे डीजे के साथ बैठा अहमद उछलकर सड़क पर गिर गया, जिसमें वह गंभीर रूप से लहूलुहान हो गया। बड़ा भाई अफजल और चालक राघवेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए। कार सवार बकेवर निवासी शंकर कुमार, भांजी लक्ष्मी समेत जख्मी हो गए। हादसे के बाद दूसरा पिकअप सवार चालक मौके से भाग निकला। पुलिस ने घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया। जहां से चारों घायलों को हैलट रेफर कर दिया।
 
हादसे में बदहवास अहमद हुसैन को पुलिस और वहां मौजूद होमगार्ड ने मृत समझकर काले कफन बैग में पैक करने के बाद सील करके पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया दिया। अफजल के आक्रोशित परिजनों ने बताया कि पत्नी मुस्कान, मां बदरूनिशा, दामाद आजिब, बड़े भाई अफजल व छोटे भाई इरफान का आरोप है कि वह लोग करीब नौ बजे के आसपास पोस्टमार्टम हाउस पुलिस के साथ शव लेकर पहुंच गए। इस दौरान अहमद के ससुर रतनपुर कालोनी निवासी नईम और उन परिजनों का आरोप है, कि काले बैग में भांप जमती दिखी।
 
इसके बाद उन लोगों को युवक के जिंदा होने का शक हुआ। वह लोग मौजूद होमगार्ड से बैग खोलने की बात कहने लगे। आरोप है कि इस पर उन लोगों ने विवाद के बाद खुद बैग की सील तोड़ दी। इसके बाद चेहरे पर हल्का सा पसीना देख वह लोग घबरा गए। भाई इरफान ने अपने मुंह से अहमद के मुंह में सांस दी। जिस पर उसका शरीर हरकत करने लगा। 
 

शरीर के हरकत करने पर लेकर भागे अस्पताल 

मुनीर, मासूम, इरफान, जमीर, आजिब आदि लोग युवक को उठाकर हैलट इमरजेंसी पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी दी, जिससे वहां हड़कंप मच गया। आरोप है कि पुलिस और डॉक्टरों की ओर से की गई लापरवाही के बाद भी उल्टा उन लोगों ने अस्पताल पहुंचाने के बाद खरी खोटी सुनाई। परिजनों का आरोप है कि करीब छह बजे हादसा हुआ था। पुलिस ने बिना जांच पड़ताल किए नौ बजे शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया । यदि वह पहले हैलट पहुंच जाता तो जान बच सकती थी।
 
आरोप है कि हैलट में पहुंचाने के बाद डॉक्टरों ने उसके केवल खानापूर्ति की और रात 12 बजे के बाद एडमिट करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। तब तक ठीक से इलाज न मिल पाने के कारण युवक की 12.15 के आसपास मौत हो गई। इस संबंध में बिधनू थाना प्रभारी योगेश कुमार सिंह का कहना है कि हादसे में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया था। डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद ही शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया। परिवार का आरोप बेबुनियाद है।  
 

दो बच्चे पिता को पूछ रहे बार-बार

परिजनों ने बताया कि वर्ष 2019 में अहमद की शादी मुस्कान से हुई थी। जिसके बाद उसके के तीन वर्षीय बेटा अरमान है। वह बार बार अपने पिता को पूछता नजर आया। पुलिस द्वारा की गई इस लापरवाही के कारण परिजनों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

 

संबंधित समाचार