Kanpur Zoo News : प्रतापगढ़ से जख्मी हालत में कानपुर आए देसी नर भालू की मौत, चिड़ियाघर में हुआ अंतिम-संस्कार
कानपुर चिड़ियाघर में नर भालू की मौत।
प्रतापगढ़ से जख्मी हालत में कानपुर आए देसी नर भालू की मौत हो गई। इस पर टीम ने उसका चिड़ियाघर में ही अंतिम-संस्कार कर दिया।
कानपुर, अमृत विचार। प्रतापगढ़ के जंगल से चिड़ियाघर लाया गया जख्मी देसी भालू ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद मौत की असली वजह जानने के लिए बिसरा जांच के लिए पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली (आइवीआरआई) भेजा गया है।
प्रतापगढ़ के सतेवर जंगल में नौ मार्च (गुरुवार) को एक भालू के जख्मी हालत में होने की जानकारी कानपुर चिड़ियाघर प्रशासन को दी गई। यहां से एक पशु चिकित्सक व रेंजर की टीम को रेस्क्यू के लिए मौके पर भेजी गई। जू-टीम बीमार और जख्मी देसी भालू को रेस्क्यू करते हुए कानपुर चिड़ियाघर लेकर आई। बताया गया कि भालू की पूंछ बुरी तरह से जख्मी थी। पूंछ पर जिस तरह के जख्म थे, उससे साफ लग रहा था कि हमले के दौरान किसी कई जानवरों ने उसकी पूंछ चबाई है व शरीर में कई जगह जख्म दिए।
एक्सपर्ट के अनुसार भालू की उम्र छह वर्ष के करीब थी, ऐसे में वह युवा अवस्था में था। एक्सपर्ट के अनुसार हमला करते वक्त दूसरा जानवर का बीमार भालू पर हावी हुआ होगा। कमजोर होने की वजह से भालू उनके बीच घिरा रहा होगा और बचाव नहीं कर पाया। उसकी कमजोरी से लग रहा है कि वह भोजन और पानी नहीं मिल पाने की वजह से पहले से वह बीमार भी था। प्रतापगढ़ के वन विभाग की टीम को जब जख्मी भालू की जानकारी हुई तो कानपुर चिड़ियाघर को सूचित किया गया।
जिसके बाद यहां से चिकित्सक और रेंजर की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर जख्मी भालू को चिड़ियाघर लाया गया। उपचार के दौरान जख्मों पर दवा लगाई गई और शरीर में ताकत व स्फूर्ति के लिए ग्लूकोज व एंडीबायोटिक दवाई दी गई। शुक्रवार को उसने दम तोड़ दिया। उसी दिन चिड़ियाघर प्रशासन ने एक पैनल की मौजूदगी में भालू का दाह संस्कार करा दिया। मौत की असली वजह जानने के लिए चिड़ियाघर टीम पोस्टमार्टम व बिसरा रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
