अल्मोड़ा: बेहतर होगी सीमाओं पर मोबाइल कनेक्टिविटी चीन, तिब्बत, नेपाल बार्डर से लगे 480 एरिया होंगे कवर

अल्मोड़ा: बेहतर होगी सीमाओं पर मोबाइल कनेक्टिविटी  चीन, तिब्बत, नेपाल बार्डर से लगे 480 एरिया होंगे कवर

बृजेश तिवारी, अल्मोड़ा। चीन, तिब्बत और नेपाल बार्डर से जुड़े उत्तराखंड के लोगों को जल्द ही बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी प्राप्त हो सकेगी। केंद्र और प्रदेश सरकार ने इसके लिए कवायद तेज कर दी है। बार्डर से लगे इन क्षेत्रों में 182 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे, ताकि बार्डर से लगे गांवों के लोगों को कनेक्टिविटी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर ना रहना पड़े। इन टावरों पर फिलहाल बीएसएनएल द्वारा ही 
बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) लगाए जाएंगे।

अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र में चार जिले, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चम्पावत शामिल हैं। इनमें पिथौरागढ़ व चम्पावत जिले अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े हैं लेकिन इन जिलों के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित कई गांव ऐसे हैं जहां लोग आज भी सड़क व संचार सेवा से अछूते हैं। आलम यह है कि दो देशों की सीमाओं पर स्थित पिथौरागढ़ जिले के कई सीमावर्ती गांव अभी संचार सेवा के मामले मे काफी पिछड़े हैं।

इसमें नेपाल सीमा से लगे पंचेश्वर से लेकर चीन सीमा पर स्थित व्यास, चौदास, दारमा घाटियों के गांव शामिल हैं। नेपाल सीमा से लगे अधिकतर इलाकों में नेपाल की कंपनियों के सिग्नल आने से कई लोग वर्षों से यहां नेपाल के सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है।
दो चरणों में लगेंगे टावर

चीन, तिब्बत, नेपाल सीमा से लगे 480 अनकवर्ड एरिया ऐसे हैं, जिन्हें संचार सेवा से जोड़ा जाना है। केंद्र और राज्य सरकार की पहल के बाद अब इन क्षेत्रों में भारत संचार निगम द्वारा मोबाइल टावर लगाने का काम शुरू होगा। पहले चरण में 137 व दूसरे में 45 टावर लगाए जाएंगे। इसके लिए 127 स्थान चयनित किए गए हैं। 


पूरे उत्तराखंड में मोबाइल कनेक्टिविटी से अनकवर्ड क्षेत्रों में बीटीएस लगाए जा रहे हैं लेकिन सबसे अधिक मोबाइल बीटीएस अल्मोड़ा लोकसभा के लिए स्वीकृत किए गए हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सबसे पहले सीमांत क्षेत्र के अनकवर्ड क्षेत्र में टावरों की स्थापना का काम शुरू किया जाए। -अजय टम्टा, सांसद, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र। 


बार्डर समेत अन्य अनकर्वड क्षेत्रों में बीएसएनएल द्वारा मोबाइल बीटीएस स्थापित किए जाने हैं। प्रशासन की ओर से निगम को भूमि हस्तांतरित कर दी गई है। फिलहाल इन क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को 4-जी सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

-महेश सिंह, वरिष्ठ महाप्रबंधक प्रचालन, बीएसएनएल।