Ganga Mela 2023 : गंगा मेला में उड़ा गुलाल, सरोबोर हुए शहरवासी, आकर्षक रहा रंगों का ठेला

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Published By Kanpur Digital
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Ganga Mela 2023 कानपुर के गंगा मेला में होलियारों ने होली खेली।

Ganga Mela 2023 कानपुर के गंगा में गुलाल उड़ने से शहरवासी सरोबोर हुए। वहीं, रंगों को ठेला भी आकर्षक रहा। रज्जन बाबू पार्क में झूमते हुए होलियारों ने होली खेली।

कानपुर, अमृत विचार। Ganga Mela 2023 शहर में ऊंट और भैसों का रेला संग होली की मस्ती का ठेला निकला। होली गीतों पर लोग खूब थिरके। कोई ट्रैक्टर तो कोई टेम्पो लेकर भी रेले में शामिल हुआ। किसी ने ट्रैक्टर पर खड़े होकर रंगों की वर्षा की तो कोई ऊंट और भैंसे के ऊपर बैठकर होली खेल रहा था। रज्जन बाबू पार्क से लेकर करीब छह किलोमीटर तक रंगों के ठेले में गुलाल और फूलों की जमकर वर्षा हुई। मस्ती और उत्साह के साथ बिरहाना रोड पर मटकी फोड़ी गई। क्या छोटे और क्या बड़े, नजारा ऐसा था कि मानों सभी 82 साल पहले अंग्रेजों के टूटे उस गुरूर का उसी पारंपरिक ढंग से जोश के साथ जश्न मना रहे हों। 

वर्ष 1942 में होली के पांच दिन बाद अनुराधा नक्षत्र के दिन जब अंग्रेजों की गिरफ्त से व्यापारी गुलालचंद्र सेठ सहित 50 के करीब क्रांतिकारियों को आजादी मिली थी, उस दिन जिस उत्साह और जीत की यह खुशी रंगों के साथ मनाई गई, उसी उत्सव की धूम सोमवार को भी शहर में छाई रही। सुबह से ही गंगा मेला आयोजन समिति सहित अन्य संगठनों व शहर के लोगों ने ऐतिहासिक रज्जन बाबू पार्क में एकत्रित होना शुरू कर दिया था। करीब सुबह दस बजे क्रांतिकारियों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें खुशी का रंग लगाया गया और जिलाधिकारी विशाखजी अय्यर ने झंडा रोहण करते हुए होली जश्न का आरंभ किया।

इसमें पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। उसके बाद सभी ने एक दूसरे को रंग लगाना शुरू कर दिया। जैसे जैसे समय बढ़ा, तेजी के साथ होली का यह महोत्सव लोगों की मस्ती से रंगता चला गया। क्या बड़े और क्या बुजुर्ग सभी ने उस दिन को याद करते हुए अंग्रेजों हुकूमत का खमंड चूर करने अकड़ के सथ होली के रंगों को उछाला। हर बार की तरह इस बार भी रंगों का ठेला आकर्षण का केंद्र बना। भैसों के ठेले पर लोगों ने रंगों के ड्रम रखे थे, जिसे बाल्टियों और मग से भरकर लोगों पर जमकर उड़ेला। ऊंट पर बैठकर लोगों ने गुलाल उड़ाया।

ट्रैक्टर के बौनट पर खड़े होकर गुलाल से भरी बोरी घुमाते हुए लोगों पर रंग बरसाया। टेम्पो में दोनों साइड पर खड़े होकर गुलाल उड़ाते हुए लोग होली गीतों में थिरक भी रहे थे। पीएसी बैंड की धमक और उत्साह भी लोगों में खूब ऊर्जा भर रहा था। काफी संख्या में दो पहिया वाहन में शहर के लोग भी रेला में शामिल हुए। किसी ने होली की टोली पहनी थी तो कोई होली स्लोगन से पटी टीशर्ट में होली खेलने लिकला। कोई कुर्ता और पारंपरिक परिधानों के साथ इस महोत्सव में शामिल हुआ। लेकिन होली पर ऐसा हुड़दंग भी दिखा, जिसमें कपड़ा फाड़ होली भी चली।

युवाओं ने इसमें जमकर लुत्फ उठाया। खूब होली खेली और रंगों का ठेला हटिया से शुरू हुआ और गयाप्रसाद लेन, मूलगंज, शिवाला, रामनारायण बाजार चौराहा, कमला टॉवर, चटाई मोहाल, सिरकी मोहाल, बिरहाना रोड, नयागंज, जनरलगंज होते हुए हटिया वापस लौटा। बिरहाना रोड पर मटकी रंगों से भरी मटकी फोड़ी गई। इसमें युवकों में खूब उत्साह देखा गया। 

मां गंगा आरती के साथ की मंगलकामना

ओम जय गंगे माता, श्रीजय गंगे माता, जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता, चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता, शरण पड़ें जो तेरी, सो नर तर जाता…। सरसैया घाट पर शाम को पुरोहितों संग श्रद्धालुओं ने गंगा आरती के साथ मंगल कामना की। इस दौरान घाट मां के जयकारों से गूंजायमान रहा। 

हटिया पर रंगों का ठेला और फिर सरसैया घाट पर होली मिलन के बाद महंतों और पुजारियों द्वारा गंगा आरती की तैयारी की। दिव्य ज्योति जलाई गई। घाटों को फूलों से सजाया गया। पूजा अर्चन हुआ और फिर मां गंगा की आरती गाई गई। आरती के लिए शहर के दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे थे। सरदसैया घाट पर उनकी काफी संख्या पहुंची और उन्होंने गंगा मैया के खूब जयकारे लगाए। आरती के दौरान भक्तों ने पुष्प वर्षा कर गंगा मां को फूल अर्पित किए।

गंगा आरती में शामिल होकर उन्होंने जीवनदायिनी का आशीष पाया। गंगा आरती में युवाओं में सेल्फी का भी क्रेज दिखा। अपनों संग खूब फोटो खींची गई। जिले के अन्य गंगा घाटों पर भी गंगा आरती हुई। बिठूर में भी गंगा आरती में सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे थे। वहीं परमट मंदिर में भी पूजन अर्चन में क्षेत्र के लोग शामिल हुए। इस दौरान काफी संख्या में महंत और पुरोहित घाटों पर पहुंचे।

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