मुरादाबाद : 13 घंटे 50 मिनट का होगा सबसे लंबा रोजा, माह-ए-रमजान की तैयारियां शुरू
रमजान : 22 मार्च से शुरू हो रहा रमजान का महीना, रोजेदारों को माह-ए-रमजान का इंतजार
मुरादाबाद,अमृत विचार। माह-ए-रमजान में पिछले साल के मुकाबले इस बार लंबे रोजे की अवधि घटेगी। यह कमी साल दर साल हो रही है। इस बार रोजा एक घंटा छोटा रहेगा। इस बार मुकद्दस रमजान का सबसे लंबा रोजा 13 घंटे 50 मिनट का होगा, जबकि वर्ष पिछले वर्ष 14 घंटे 52 मिनट का रोजा था। फिलहाल रोजेदारों को माह-ए-रमजान का बेसब्री से इंतजार है। मुस्लिम क्षेत्रों में रमजान की तैयारी शुरू हो गई हैं।
मुस्लिम समुदाय में रमजान का महीने सबसे पाक माना जाता है। रमजान के महीने में मुसलमान पूरे रोजे रखकर इबादत करते हैं। अगर चांद का दीदार तयशुदा तारीख में हुआ तो 22 मार्च से माह-ए-रमजान का आगाज हो जाएगा। इसके बाद मस्जिदों और घरों में इबादत का दौर शुरू हो जाएगी। इस पाक महीने में मुसलमान 30 दिन तक रोजा रखते हैं।
चांद के हिसाब से हर रोजे की समय अवधि तय होती है। हर रमजान में समय का फर्क पड़ता है। जिसके चलते इस साल रोजा का समय कम होगा। पिछले साल रमजान का महीना अप्रैल में शुरू होकर तीन मई को पूरा हुआ था। इस बार रमजान मुबारक का महीना 22 या 23 मार्च से शुरू हो जाएगा और 22 अप्रैल को पूरा हो जाएगा। जिसके चलते पिछले साल के मुकाबले रोजा एक घंटा छोटा रहेगा। वहीं माह-ए-रमजान के इस्तकबाल के लिए मुस्लिम इलाकों में जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। शहर के तहसील स्कूल, चौकी हसन खां, नई सड़क, गलशहीद, चक्कर की मिलक, करूला, असालतपुरा, लाल मस्जिद इंदिरा चौक, जामा मस्जिद व फीलखाना क्षेत्र में रमजान की तैयारियां की जा रही हैं। इन सभी स्थानों पर सहरी व इफ्तारी के सामान की दुकानें लगना शुरू हो गई हैं।
तीन साल तक गर्मी में ही रहेगा रमजान
मुरादाबाद। चांद के हिसाब से हर साल रमजान के महीने में समय आगे पीछे और मौसम बदलता रहता है। जिसके चलते पिछले कई सालों से रमजान का महीना गर्मियों में आ रहा है। अभी तीन साल और रमजान चिलचिलाती धूप, तपिश और लू के थपेड़ों के बीच रोजेदरों के सब्र का इम्तिहान लेगा। 2024 और 2025 तक रमजान गर्मियों में पड़ेगा। रोजेदारों को तीन साल और गर्मी सताएगी। जबकि वर्ष 2026 में फरवरी में शुरू होने वाला रमजान ठंड लेकर आएगा। ये सिलसिला वर्ष 2036 तक जारी रहेगा।
चांद नजर आ गया तो पहला रोजा 22 मार्च का होगा। इस बार पिछले साल के मुकाबले रोजे के समय में फर्क रहेगा। रमजान के महीने में सभी मुसलमान रोजे रखे और ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत कर अपने गुनाहों की माफी मांगे। - मुफ्ती फहद अली, नायब शहर इमाम
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