मुरादाबाद : बच्चों का भविष्य अंधकारमय, परीक्षाएं सिर पर...छह तक के विद्यार्थियों को याद नहीं दो का पहाड़ा

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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चिंताजनकः 1408 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक स्कूलों में तैनात हैं 5500 शिक्षक, जिले में 235073 बच्चे देंगे परीक्षा 

कम्पोजिट विद्यालय दांग में पढ़ाई करते छात्र-छात्राएं।

मुरादाबाद,अमृत विचार। बच्चों में देश का भविष्य देखा जाता है, लेकिन शिक्षकों की कमी के चलते बेसिक स्कूलों में पढ़ाई कर रहें बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। शिक्षण के हालात ऐसे हैं कि कक्षा एक से लेकर छह तक के विद्यार्थियों को दो का पहाड़ा तक याद नहीं है। जबकि 20 मार्च से बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। 
सरकार बेसिक शिक्षा का स्तर उठाने के लिए भले ही लाख कोशिश कर रही हो। मगर जिम्मेदार सरकार की मुहिम को पलीता लगाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे। मानक के अनुरूप स्कूलों में शिक्षक न होने से भी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

जिले में 1408 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। इनमें 5,500 शिक्षक ही तैनात हैं। अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मऊ स्थित कन्या प्राथमिक विद्यालय, काजीपुरा, महलकपुर, मोहम्मदपुर ध्यान सिंह, मलहपुर आदि गांवों के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। प्राथमिक विद्यालय काजीपुरा, महलकपुर समेत कई स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे स्कूल चल रहे हैं। 

बेसिक स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं 20 से 24 मार्च तक होंगी। सोमवार को जब अमृत विचार की टीम ने कम्पोजिट विद्यालय दांग पहुंची तो छात्र-छात्राओं के शैक्षिक स्तर की कलई खुल गई। कक्षा-एक  की छात्रा निशा, कक्षा-4 की छात्रा जरीन दो का पहाड़ा तक सुना पाए।  हालांकि 8वीं की छात्रा लक्ष्मी ने दो और तीन का पहाड़ा सुना दिया। यहां के इंचार्ज तहबूर हुसैन उपस्थित नहीं थे। शिक्षिका नमिता गुप्ता ने बताया कि बच्चों की पेपर की तैयारी कराई जा रही है। शिक्षक कम होने से थोड़ी परेशानियां है। यहां दो शिक्षक और दो शिक्षा मित्र ही कार्यरत हैं। यह हाल तो बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालय से 300-400 मीटर दूर स्थित स्कूल का है। अन्य स्कूलों की क्या स्थिति होगी उसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। ग्रामीण अंचल के स्कूलों की स्थिति खराब है। यहां बच्चों को हिंदी, इंग्लिश, गणित के सवालों के जवाब मालूम नहीं है।

एक अप्रैल से शुरु होगा नया शैक्षिक सत्र
20 से 24 मार्च तक परीक्षा चलेंगी। जिसके बाद स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत एक अप्रैल से हो जाएगी। जिसके लिए विभाग ने अभी से काम करना शुरू कर दिया है। विभाग के पास नए सत्र के लिए चार लाख से ज्यादा किताबें आ गई हैं।

ग्रामीण अंचल के स्कूलों में छात्रों के पास किताबें तक नहीं 
20 मार्च से शुरू हो रहीं परीक्षा में 2,35, 073 बच्चे बैठैंगे। परीक्षा देंगे। जिसमें कक्षा एक में 31,189 हजार 189, कक्षा दो में 30, 069, कक्षा 3 में 28,360,कक्षा- 4 में 32, 653, कक्षा पांच में 28,712, कक्षा छह में 19, 893, कक्षा सात में 17,893 और कक्षा आठ में 14,803 बच्चे शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी के साथ किताबों की कमी भी है। किसी के पास हिंदी की किताब नहीं है तो किसी के पास गणित की। लेकिन, शिक्षा विभाग के अधिकारी न को शिक्षकों की कमी को गंभीरता से ले रहे हैं और न ही बच्चों के भविष्य को। 

सभी स्कूलों में पर्याप्त किताबें हैं। हर बच्चे के पास सभी विषय की किताबें हैं। अगर किसी स्कूल में किताबें नहीं पहुंची हैं। तो उसकी जांच कराई जाएगी। स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। - बुद्ध प्रिय सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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