लखनऊ : नियुक्ति की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। 2019 से नियुक्ति की राह देख रहे चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट गया। नियुक्ति का इंतजार कर रहे फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने गुरुवार को इको गार्डन में आमरण अनशन शुरू कर दिया। आमरण अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों की माने तो शुक्रवार यानी कल वह राजधानी के सड़कों पर भी उतरकर अपना विरोध जतायेंगे। चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों के धरने को फार्मासिस्ट फेडरेशन ने भी समर्थन दिया है। फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि बेरोजगार फार्मासिस्ट 2019 से परेशान है जिनकी नियुक्ति बेवजह विवादित बनाई जा रही है।

धरना होम्यो

दरअसल, होम्योपैथिक विभाग में फार्मासिस्ट भर्ती के साल 2019 में विज्ञापन निकला था। जिसके बाद हुई परीक्षा में करीब 414  होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों चयनित हुये थे। 4 साल बाद भी नियुक्ति न मिलने से अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया।

अभ्यर्थियों का कहना है कि होम्योपैथिक फार्मासिस्ट भर्ती प्रक्रिया उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में माह फरवरी, 2019 से चल रही है। विज्ञापन जारी होने के लगभग 2 वर्ष 6 माह पश्चात आयोग ने उक्त भर्ती का अंतिम चयन परिणाम  22 नवंबर 2021 को जारी किया था। आयोग द्वारा जारी किए गए अंतिम चयन परिणाम में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में चयन को लेकर असफल अभ्यर्थियों द्वारा उच्च न्यायालय में वाद दायर किए गए। 

उच्च न्यायालय की इलाहाबाद खंडपीठ ने आयोग द्वारा जारी किए गए अंतिम चयन परिणाम को सही मानते हुए ईडब्ल्यूएस कैटेगरी से संबंधित सभी वादों को खारिज करके नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने के निर्देश दिए थे, जबकि उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की मात्र 10 प्रतिशत सीटों पर ही रोक लगाई थी, अतिरिक्त सीटों पर आयोग को नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र कर दिया है। किंतु उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अपने मनमानी रवैये को बरकरार रखते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को किसी भी दशा में अग्रेषित नहीं कर रहा है। 

आयोग द्वारा असफल अभ्यर्थियों की वजह से समस्त सफल चयनित अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया में हो रहे विलंब के चलते चयनित बेरोजगार होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थी एवं उनके परिजन सामाजिक, मानसिक, आर्थिक तथा शारीरिक रूप से प्रताड़ना झेल रहे हैं। होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों की मांग है कि जल्द से जल्द उनकों नियुक्ति प्रदान की जाये।

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