जलालाबाद: बेलगाम पुलिस पर अधिकारी मेहरबान, जनता परेशान
मुकीम हुसैन, जलालाबाद। वैसे तो पुलिस को जनता का रक्षक माना जाता है हर छोटे मोटे लड़ाई झगड़े से लेकर हत्या तक के मामलों में जनता पुलिस से मदद की गुहार लगाकर न्याय की उम्मीद करती है। मगर सोचिए अगर यही पुलिस खुद जनता का उत्पीड़न करने लगे, आये दिन पुलिस की कार्यशैली पर सवाल …
मुकीम हुसैन, जलालाबाद। वैसे तो पुलिस को जनता का रक्षक माना जाता है हर छोटे मोटे लड़ाई झगड़े से लेकर हत्या तक के मामलों में जनता पुलिस से मदद की गुहार लगाकर न्याय की उम्मीद करती है। मगर सोचिए अगर यही पुलिस खुद जनता का उत्पीड़न करने लगे, आये दिन पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे, पुलिस पर रिश्वतखोरी और मारपीट का आरोप लगने लगे तो स्थितियां क्या होंगी क्या कोई खुद के साथ हुए अत्याचार की शिकायत करने पुलिस थाने जाएगा?
आपका जवाब होगा नही, जी बिलकुल सही जवाब है आपका, क्योंकि थाने अगर जाएगा भी तो पुलिस दोनों पक्षों से पैसा लेकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देगी एक पक्ष से कार्रवाई करने का पैसा तो दूसरे से मामले को हल्का करने या कार्रवाई न करने के नाम पर पैसा वसूला जाएगा। पैसा देने के बाद भी आपको न्याय नहीं मिलेगा तो आप पुलिस की शिकायत लेकर भी कहां जाओगे विभाग के उच्चाधिकारियों के पास ही न। मगर जब उच्चाधिकारी ही अपने अधीनस्थों पर मेहरबान हो तो जनता के पास सिवाय चुपचाप तमाशा देखने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं रहता।
कुछ यही माहौल इस समय जलालाबाद कोतवाली का बना हुआ है। जब से नए कोतवाल धीरेंद्र सिंह चौहान ने कोतवाली की कमान संभाली है सुर्खियों में बने हुए हैं।
मामला शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे का है कोतवाल धीरेंद्र सिंह चौहान पूरे कोतवाली का फोर्स लेकर नगर के मुख्य चौराहे पर लॉकडाउन का पालन कराने निकले थे कि अचानक उनकी नजर दुर्गा मंदिर के पास खड़ी वृद्धा पर पड़ी जो कि अमरूद का ठेला लगाए हुए थी। कोतवाल पूरी फोर्स के साथ उसके पास पहुंचे और उसे लॉकडाउन का हवाला देते हुए ठेला लगाने पर गालियां देना शुरू कर दिया।
वहां से हटने के लिए कहा बूढ़ी हड्डियों से जब ठेला हिला भी नहीं तो कोतवाल ने खुद ठेला बीच सड़क पर कर उसे गालियां देते हुए भगा दिया। वृद्धा ने बताया कि उसके पुत्र की कुछ वर्ष पहले मौत हो चुकी है बहू को कैंसर की बीमारी है पांच महीने के लॉकडाउन ने भूखों मरने पर मजबूर कर दिया है। बहू के इलाज और दो वक्त की रोटी के लिए ठेला लगाकर गुज़र बसर कर रही है मगर उस पर भी पुलिस वाले जीने नहीं दे रहे हैं।
मुख्य चौराहे पर ही कोतवाल धीरेंद्र सिंह चौहान ने सभी पुलिसकर्मियों को अपने अपने क्षेत्र में जाने का कह दिया तभी लगभग 4 बजे खाइखेड़ा पहुंचे हलका सिपाही रमेश ने मुर्गा मीट की दुकान पर धावा बोल दिया। वहां मौजूद लोगों पर लाठीचार्ज कर दौड़ाना शुरू कर दिया। वहीं पास ही खड़े हरदोई के थानाक्षेत्र शाहबाद के गांव नगला निवासी लालाराम पुत्र छोटेलाल जो शनिवार को जलालाबाद थाना क्षेत्र के गांव सैंजना स्थित अपनी ससुराल आया था के ऊपर भी डंडा चला दिया लालाराम ने पुलिस से बचने के लिए धान के खेत की तरफ दौड़ लगा दी। खेत के चारों तरफ लगा आरी वाला तार उसके पैर में उलझ गया जिससे उसका पैर लहूलुहान हो गया जिसे देख पुलिसकर्मी मौके से फरार हो लिए।
मौके पर मौजूद लोगों ने घायल को इलाज के लिए नगरिया अस्पताल पहुंचाया तो हालत गम्भीर होने पर घायल को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। मौके पर पहुंचे मीडियाकर्मियों और स्थानीय लोगो ने सोशल मीडिया पर यथास्थिति को बयां करता एक वीडियो वायरल कर दिया ट्वीटर पर की गई। शिकायत का संज्ञान लेते हुए एडीजी बरेली ने मामले पर शाहजहांपुर पुलिस से स्पष्टीकरण मांग लिया। उसके बाद जलालाबाद पुलिस ने जबरन पीड़ितों पर दवाब बनाकर मामले में राजीनामा लिखा लिया है। बावजूद उसके शाहजहांपुर पुलिस द्वारा एडीजी को कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। एसपी ग्रामीण अपर्णा गौतम ने बताया कि मामला संज्ञान में है अभी जांच की जा रही है जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी।
इससे पूर्व घटित मामले
घटना नंबर 1- हियुवा के नगर अध्यक्ष से मारपीट
कोतवाल धीरेंद्र सिंह चौहान जलालाबाद में तैनाती के बाद पहली बार सुर्खियों में तब आये जब उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी के तत्कालीन नगर अध्यक्ष नीतेश कटियार को सरेबाजार विगत 22 जून को पीट दिया था। नगर अध्यक्ष की पिटाई के बाद सभी कार्यकर्ताओं ने सीओ कार्यालय का घेराव कर कोतवाल के निलंबन की मांग की थी। कार्यवाही न होने पर नगर अध्यक्ष ने आत्मदाह की धमकी भी दी। मामले को तूल पकड़ता देख तत्कालीन क्षेत्राधिकारी एमएस रावत ने माफी मांग मामले का निपटारा कराया था।
घटना नंबर 2
22 जून के बाद करीब 15 दिन चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद सब कुछ शांत ही हुआ था कि दोबारा कोतवाल धीरेंद्र सिंह चौहान पर एक वृद्ध महिला को पीटने का आरोप लगा शिकायतों का दौर शुरू हुआ तो, शहर विधायक और कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उच्चाधिकारियों को मामले की जांच को कहा तो एडीजी बरेली जोन ने एसएसपी शाहजहांपुर को जांच कर आख्या प्रस्तुत करने को कहा। एसएसपी एस. आनंद ने मामले की जांच एसपी ग्रामीण अपर्णा गौतम को सौंप दी। जांच के दौरान अपर्णा गौतम ने कोतवाल और महिला के बीच झड़प को तो स्वीकार किया मगर उसके बाद भी कोई कार्यवाही न होना अधीनस्थों पर विभागीय अधिकारियों का करम माना जा रहा है।
बिना सीसीटीवी खंगाले लगा दी रिपोर्ट
जब कोतवाल और वृद्धा प्रकरण में एसपी ग्रामीण से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की जांचें गोपनीय होती हैं। जांच पूरी कर उसकी रिपोर्ट सम्बंधित अधिकारी को सौंप दी गई है। गौरतलब है कि घटना एसबीआई एटीएम के सामने हुई जहां सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है जो कि प्रकरण में ठोस सबूत था मगर, इस फुटेज को बिना चेक किये रिपोर्ट सबमिट करना पुलिस रिपोर्ट पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
रिश्वतखोरी का वीडियो वायरल
हाल ही में शाहजहांपुर जिले के मदनापुर थाने का एक अन्य वीडियो वायरल हुआ है। जिसमे पुलिसकर्मी को मोटरसाइकिल छोड़ने के एवज में अवैध रूप से रुपये लेते दिखाया गया। मामले का वीडियो स्वयं पैसे देने वाले के द्वारा शूट किया गया है। उस पर भी अभी जांच चल रही है।
