अयोध्या: गली-गली जनरेटरों की गड़गड़ाहट, कालाबाजारी चरम पर, पानी के लिए आंखों से निकले आंसू

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। भगवान राम की नगरी अयोध्या में 60 घंटों से विद्युत आपूर्ति ठप है। जनपद में शहर से लेकर गांव तक जनता त्राहिमाम कर रही है। गली-गली में सिर्फ जनरेटरों की गड़गड़ाहट ही सुनाई पड़ रही है। पेयजल की समस्या विकराल हो गई है। बेहाल जतना अब लूट का शिकार हो रही है। कालाबाजारी ने भी अपने पांव जमा लिए हैं। जनरेटर के लिए लोगों को मुंह मांगी कीमत देनी पड़ रही है। घरों में 20 मिनट जनरेटर चलाने के लिए 500 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।  पानी के लिए लोगों के आंखों से आंसू तक निकल आये हैं। 

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बिजली कर्मियों की 72 घंटे की हड़ताल के आखिरी दिन तक जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया। शहर के तमाम फीडर पर 60 घंटे से भी अधिक समय से बिजली गुल है। सैकड़ों गांव चार दिन से अंधेरे में डूबे हुए हैं। लोग सुबह से ही सड़कों पर खाली बाल्टियां लेकर इधर-उधर भागते नजर आए। खाने-पीने और शौच जाने के लिए तक लोग तरसते दिखाई पड़े। जनरेटर के लिए भटकते नजर आए।

टेंट हाउस मालिकों ने जनरेटर का किराया बढ़ा दिया। 5 केवी के जनरेटर का चार घंटे का किराया तीन से साढ़े तीन हजार तक वसूला जा रहा है। पानी वाले डिब्बों का भी रेट बढ़ गया। 30 रुपये डिब्बा मिलने वाला पानी 40 से 45 रुपये तक मे मिला। मोबाइल स्विच आफ हो चुके हैं। कुछ ने फोन चार्ज करने के लिए रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल जैसे सरकारी संस्थानों का रुख किया। अब लोगों का गुस्सा फूटने लगा है। लोग सरकार व बिजली कर्मियों को कोस रहे हैं। 
       
गांव की तरफ रुख कर रहे लोग
कोरोना महामारी की तरह लोग अब बिजली संकट में गांवों का रुख करने की सोच रहे हैं। चूंकि आधुनिकता के दौर में लोगों के घरों से हैंडपम्प गायब हो चुके हैं, जबकि गांवों में अब भी इनका अस्तित्व बचा हुआ है। शहर के नाका क्षेत्र के रामजी तिवारी ने कहा कि अब यहाँ बड़ी समस्या हो रही है। हम अपने पैतृक गांव रुदौली जा रहे हैं। चूंकि नाका पर पिछले 60 घंटे से बिजली नहीं आ रही है।

व्यवसाय बुरी तरह चौपट, लोग दाने दाने के मोहताज
बिजली कर्मियों की हड़ताल के कारण जनपद में व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शहर से लेकर गांव तक के छोटे-बड़े उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ब्रेड फैक्ट्री, पानी प्लांट, आटा चक्की, दूध डेयरी समेत तमाम औद्योगिक इकाइयों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। तकरीबन करोड़ों के नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है।

उपकेंद्रों पर मौजूद रही पुलिस फ़ोर्स
हैदरगंज प्रतिनिधि के अनुसार विद्युत उपकेंद्रों तारुन में 48 घंटे, केलालाल खान व मंगारी में 24 घंटे से मेन सप्लाई ब्रेक डाउन है,  जिससे सैकड़ों गांव के लाखों लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं। जन सेवा केंद्र चलाने वाले दुकानदारों ने बताया दुकानदारी पूरी तरह से चौपट है। राधेरमण सिंह, अनिल तिवारी, अजय सिंह, ओमनाथ वर्मा, रामकेवल वर्मा, अशोक वर्मा, घनश्याम दुबे, संतोष गुप्ता, रामभवन वर्मा आदि ग्रामीणों ने बताया घर पर लगे बैटरी डिस्चार्ज हो गई है। सबसे बड़ी समस्या मोबाइल चार्ज को लेकर है। क्षेत्र में लगे टावरों के सहारे ग्रामीण अपनी मोबाइल चार्ज कर रहे हैं।

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उपकेंद्र केलालाल खान की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग के जेई हेमंत कुमार और एसएसओ अमित कुमार ने बताया 72 घंटे से ज्यादा हो गए ड्यूटी करते हुए, लेकिन कोई हालचाल लेने वाला नहीं है। मेन सप्लाई न होने के नाते विद्युत आपूर्ति बाधित है। इन उपकेंद्रो के अवर अभियंता, टीजीटू समेत सभी फीडरों के लाइनमैन, संविदाकर्मी पूरी तरह अपने कार्य ठप कर हड़ताल आंदोलन में शरीक हैं। वही उपकेंद्रों पर शांति व्यवस्था बनी रहे इसके लिए स्थानीय थाने की पुलिस फोर्स मौजूद है।

लोगों में बढ़ता दिखा आक्रोश
गोसाईगंज प्रतिनिधि के अनुसार कस्बा सहित आस-पास के सैकड़ों गांव अंधेरे में डूबे रहे। सम्पन्न लोग तो जनरेटर चलकर किसी तरह उजाला कर लिया परन्तु गरीबों का हाल लेने वाला कोई नहीं है। गरीबो के पास केरोसिन ना होने से मोमबत्तियां जलाकर काम चलाना पड़ रहा है। रात में लोग मच्छरों का प्रकोप झेल रहे है। लोगों में विद्युत विभाग व सरकार के खिलाफ आक्रोश साफ दिखाई पड़ा।

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