IPO की मंजूरी देने में SEBI का सख्त रुख, किए छह कंपनियों के मसौदा प्रस्ताव वापस

IPO की मंजूरी देने में SEBI का सख्त रुख, किए छह कंपनियों के मसौदा प्रस्ताव वापस

नई दिल्ली। पेटीएम के आईपीओ की असफलता के बाद बाजार नियामक सेबी प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंजूरी देते वक्त सतर्कता बरत रहा है। सेबी ने दो महीनों में होटल श्रृंखला ओयो का संचालन करने वाली ओरावेल स्टेज सहित छह कंपनियों की विवरण पुस्तिका को वापस कर दिया है।

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इन कंपनियों को कुछ संशोधनों के साथ अपनी विवरण पुस्तिका (रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस- डीआरएचपी) को फिर से दाखिल करने को कहा गया है। ओयो के अलावा जिन कंपनियों के मसौदा प्रस्तावों को नियामक ने वापस किया है, उनमें - गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड, कनाडा स्थित फेयरफैक्स ग्रुप समर्थित एक फर्म, घरेलू मोबाइल विनिर्माता लावा इंटरनेशनल, बी2बी (कंपनियों के बीच) भुगतान और सेवा प्रदाता पेमेट इंडिया, फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक इंडिया और एकीकृत सेवा कंपनी बीवीजी इंडिया शामिल हैं।

सेबी के आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी मिली। इन छह कंपनियों ने सितंबर 2021 और मई 2022 के बीच सेबी के पास आईपीओ के कागजात दाखिल किए थे और जनवरी-मार्च (10 मार्च तक) के दौरान उनके कागजात वापस कर दिए गए थे। ये कंपनियां मिलकर कम से कम 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही थीं। कुछ बेहद चर्चित आईपीओ में निवेशकों के पैसे गंवाने के बाद सेबी निर्गम को लेकर सख्त हो गया है।

प्राइमडेटाबेस डॉट कॉम के आंकड़ों के अनुसार बाजार नियामक ने 2022 में आईपीओ को मंजूरी देने में औसतन 115 दिन का समय लिया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ''पेटीएम, जोमैटो और नायका जैसी नये जमाने की डिजिटल कंपनियों के सूचीबद्ध होने के बाद निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। इसके चलते सेबी ने आईपीओ के लिए मंजूरी मानदंडों को कड़ा कर दिया है। निवेशकों के हित में यह स्वागत योग्य फैसला है।''

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