बरेली:आंध्र प्रदेश के पशु चिकित्सकों को सर्जरी की नई तकनीक सिखा रहा आईवीआरआई

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Published By Om Parkash chaubey
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पशुओं के लीवर, आंत, पथरी, हर्निया, मूत्र मार्ग, बच्चे दानी व अन्य अंगों की भी सिखाई जाएगी सर्जरी

बरेली, अमृत विचार : भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के शल्य चिकित्सा विभाग की ओर से सोमवार को आंध्र प्रदेश के पशु चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षण में सर्जरी की नई तकनीक के बारे में जानकारी दी गई। संस्थान में पांच दिवसीय हैंडस ऑन ट्रेनिंग ऑन सॉफ्ट टिशू सर्जरी इन एनीमल्स प्रशिक्षण का दिया जा रहा है।

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इसमें पशुओं के लीवर, आंत, पथरी, हर्निया मूत्र मार्ग, बच्चे दानी तथा अन्य अंगों की शल्य चिकित्सा सिखाई जाएगी, जिससे चिकित्सक सीमित संसाधनों में भी पशुओं की शल्य चिकित्सा ठीक कर सकेंगे। इस अवसर पर एक कंपेडियम का भी विमोचन किया गया।

इससे पहले प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत में संयुक्त निदेशक (केडराड) डा. केपी सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पशु चिकित्साधिकारी स्थानीय स्तर पर भी पशु चिकित्सकों को प्रशिक्षित करें। पाठ्यक्रम निदेशक एवं रेफरल पॉलीक्लीनिक के प्रभारी डा अमरपाल ने बताया कि आईवीआरआई ने शल्य चिकित्सा की ऐसी तकनीक विकसित की है, जिनसे पशु चिकित्सक दूर दराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी सीमित साधनों के साथ सर्जरी कर सकेंगे।

पाठ्यक्रम में जनरल सर्जरी से संबंधित सभी विषयों का समावेश किया गया है। शल्य चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मुजम्मल हक ने बताया कि विभाग ने कई फ्रैक्चर संबंधी डिजाइन एवं पेटेंट हासिल किए हैं। पाठ्यक्रम सह समन्वयक डा. अभिजीत पावड़े, पाठ्यक्रम समन्वयक डा. रोहित कुमार, डा.अभिषेक सक्सेना आदि मौजूद रहे।

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