पीलीभीत: इतना निर्दयी कैसे हो गए भाई! सगे भाई को ही उतार दिया मौत के घाट...अब उम्रकैद
अपर सत्र न्यायाधीश छांगुरराम ने सुनाया फैसला, 2018 में बिलसंडा थाना क्षेत्र में हुई थी वारदात
पीलीभीत, अमृत विचार। सगे भाई को खेत में ले जाकर उसकी गला दबाकर हत्या करने के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश छांगुर राम ने सुनवाई के बाद दोनों अभियुक्त मृतक के सगे भाइयों को हत्या कर साक्ष्य छिपाने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और प्रत्येक को 13 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। राज्य सरकार की ओर से पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता विमल कुमार वर्मा ने की।
अभियोजनक कथानक के अनुसार बिलसंडा थाने में क्षेत्र की एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि उसकी शादी घटना से करीब आठ वर्ष पूर्व हुई थी। वादिनी के पति पांच भाई थे। पति अक्सर मजदूरी करने के लिए बाहर चले जाते थे। उसके बाद जेठ महेंद्र और राकेश वादिनी को परेशान व छेड़छाड़ करते थे। इसकी शिकायत की तो दोनों अभियुक्त पति से भी झगड़ने लगे थे।
घटना से दो साल पहले एक बार छेड़छाड़ करने पर शिकायत बिलसंडा थाने में की गई थी, लेकिन बाद में सुलह हो गई थी। वादिनी अपने पति संग गुजरात चली गई। फिर वर्ष 2018 में वापस घर आ गईं। वादिनी के पति ने समस्या से निजात पाने के लिए वादिनी को मायके भेज दिया। 18 मई 2018 को सूचना मिली कि उसके पति की मौत हो गई है और पति का शव ग्राम बमरौली के खेत में मिला है। इस पर वादिनी अपनी ससुराल पहुंच गई।
कुछ दिन बाद पता चला कि उसके पति की हत्या जेठ महेंद्र व राकेश ने गन्ने के खेत में ले जाकर गला दबाकर कर दी। पुलिस ने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ हत्या कर साक्ष्य छिपाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। मुकदमे की सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश छांगुर राम ने दोनों अभियुक्त महेंद्र और राकेश को अपने भाई रामसागर की हत्या व साक्ष्य छिपाने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व प्रत्येक को 13 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
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