कोरोना के बढ़ते मामले
देश में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। सरकार सतर्क मोड में आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा भी की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बुधवार को भारत में 1134 नए कोरोना के मामले दर्ज किए गए।
मौजूदा वक्त में 7,026 कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। इस दौरान पांच लोगों की मौत भी हुई। गौरतलब है कि 16 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्यों को चिट्ठी लिखी थी। मंत्रालय ने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक को चिट्ठी लिखकर कोरोना के प्रति सतर्क रहने को कहा था।
मंत्रालय ने परीक्षण, ट्रैक, उपचार, टीकाकरण और कोरोना से लड़ने के अनुरूप व्यवहार की रणनीति का पालन करने को कहा था। देश में कोविड-19 के 76 नमूनों के कोरोना वायरस के एक्सबीबी1.16 स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। यह देश में कोविड-19 के मामलों में हालिया बढ़ोतरी की वजह हो सकता है।
भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के आंकड़ों के आधार पर यह दावा किया गया है। आईएनएसएसीओजी के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस का यह नया स्वरूप जिन नमूनों में मिला है, उनमें से 30 कर्नाटक, 29 महाराष्ट्र, सात पुडुचेरी, पांच दिल्ली, दो तेलंगाना, एक-एक नमूने गुजरात-हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र के हैं।
वायरस का एक्सबीबी1.16 स्वरूप सबसे पहले जनवरी में सामने आया था। जब दो नमूनों की जांच में इसके मिलने की पुष्टि हुई थी, जबकि फरवरी में इससे संक्रमित 59 नमूने पाए गए थे।
ध्यान रहे कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके चलते लापरवाही की बजाय निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने भी राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए संयंत्रों, वेंटिलेटर और मानव संसाधन सहित अस्पतालों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का त्वरित परिचालन सुनिश्चित करने के लिए कोविड विशिष्ट सुविधाओं का ऑडिट करने, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और कीमतों की नियमित निगरानी करने की सलाह दी।
ऐसे में टेस्टिंग के साथ-साथ जीनोम अनुक्रमण संबंधी प्रयासों को भी तेज करने की आवश्यकता है। इससे देश में फैल रहे नए वैरिएंट, यदि कोई हो, का समय पर पता लगाने में मदद मिलेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में सुविधा होगी। त्योहारों के आने वाले मौसम को देखते हुए नागरिकों को भी कोरोना-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना होगा। साथ ही कमजोर और बुजुर्ग लोगों को एहतियाती टीके लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।