लखनऊ: चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों का आमरण-अनशन 9वें दिन भी जारी...
अमृत विचार, लखनऊ। चयनित फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन्होंने अपनी मांग को लेकर उच्चाधिकारियों को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की थी कि 20 मार्च को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में भर्ती से संबंधित विचाराधीन मामलों की सुनवाई के दौरान आयोग और शासन के द्वारा नियुक्त किए गए महाधिवक्ता/अपर महाधिवक्ता तथा मुख्य अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित रहकर लंबित मामलों को जल्द से जल्द खारिज करवाएं।
लेकिन उच्च न्यायालय में भर्ती से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान शासन द्वारा नियुक्त अपर महाधिवक्ता या मुख्य अधिवक्ता उपस्थित ना हुए। जिससे केस का निस्तारण नही हो पाया और लखनऊ खंडपीठ में विचाराधीन सभी मामले, इलाहाबाद खंडपीठ की स्पेशल अपील के फैसले पर आकर लटक गये।

फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने बताया कि होम्योपैथिक फार्मासिस्ट भर्ती प्रक्रिया उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में माह फरवरी, 2019 से चल रही है। आयोग द्वारा जारी किए गए अंतिम चयन परिणाम में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में चयन को लेकर असफल अभ्यर्थियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर किए गए। लेकिन आयोग की सुस्त कार्यप्रणाली और ईडब्ल्यूएस केस निस्तारण के लिए आयोग और शासन द्वारा नियुक्त अपर महाधिवक्ता एवं मुख्य अधिवक्ता द्वारा केस की सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित ना होने की वजह से होम्योपैथिक फार्मासिस्ट भर्ती विगत 4 वर्षों से लंबित पड़ी है।
वर्तमान में विभाग में होम्योपैथिक फार्मासिस्टों के कुल 1581 पद सृजित हैं जिनमें से 703 पद रिक्त पड़े हैं। फार्मासिस्टों की कमी के चलते होम्योपैथिक विभाग की स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह से बाधित हो रही हैं। फरवरी 2019 में विज्ञापित उक्त भर्ती के 414 पदों की नियुक्ति हो तब जाकर विभाग की स्वास्थ्य सुविधाएं सुचारू रूप से चालू हो सकें।
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होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों की मांग है कि आयोग एवं शासन द्वारा ईडब्ल्यूएस केस निस्तारण के लिए नियुक्त महाधिवक्ता / अपर महाधिवक्ता एवं मुख्य अधिवक्ता केस की अगली सुनवाई 31 मार्च व 4 अप्रैल को क्रमशः इलाहाबाद व लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित होकर फार्मासिस्ट भर्ती को कोर्ट के समस्त वाद-विवादों से मुक्त कराते हुए नियुक्ति प्रक्रिया जल्द से जल्द अग्रेषित करें जिससे समस्त चयनित अभ्यर्थी अपने परिवार का उचित भरण पोषण कर सके। सभी चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थी नियुक्ति ना होने तक ऐसे ही अपना आमरण-अनशन अनवरत जारी रखेंगे तथा उनके द्वारा समय-समय पर इस आमरण अनशन को व्यापक रूप भी दिया जाता रहेगा।
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