कानपुर: बैंक ऑफ बड़ौदा के लाकर से डेढ़ करोड़ के जेवर चोरी, पड़िता ने बैंककर्मियों की मिलीभगत का लगाया आरोप
कानपुर/अमृत विचार। आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार 31 मार्च से पहले बैंक लाकर की जांच करने निर्देश पर बेटी के साथ लाकर की जांच करने किदवई नगर बैंक आफ बड़ौदा गई महिला के लाकर से डेढ़ करोड़ के जेवर गायब मिले लाकर में जेवर न मिलने पर पीड़िता के पैरों से जमीन खिसक गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बैंक के सीसीटीवी फुटेज की जांच की।
नौबस्ता के बसन्त बिहार निवासी सूर्य कुमार अवस्थी आर्डिनेंस फैक्टरी से रिटायर है। सूर्य कुमार के परिवार में पत्नी रमा अवस्थी, बेटी श्रद्धा और बेटा शशांक है। रमा ने बताया कि बेटी श्रद्धा शादी के बाद से दिल्ली में रहती हैं और बेटा नोएडा में प्राइवेट कंपनी में कार्यरत है। रमा ने बताया कुछ दिन पूर्व श्रद्धा दिल्ली से कानपुर आई थी। बेटी ने आरबीआई की गाइडलाइन 31 मार्च से पहले बैंक लाकरों की जांच की जानकारी दी, जिस पर वह शुक्रवार को बेटी के साथ दोपहर 12 बजे के करीब किदवई नगर बैंक आफ बड़ौदा की शाखा में लाकर की जांच करने पहुंची।
श्रद्धा ने बताया कि बैंक अधिकारियों के साथ वह लाकर की जांच करने पहुंची। लाकर में चाभी लगाने पर चाभी पूरी तरह से घूम रही थी, जिस पर अंदेशा होने पर लाकर को खोल कर देखा तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। लाकर में सोने, चांदी, हीरे के करीब डेढ़ करोड़ रूपये का जेवर गायब मिले। बैंक अधिकारियों से शिकायत करने पर उन्होंने मामले से अनभिज्ञता जाहिर की।
जिस पर रमा ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। डेढ़ करोड़ के जेवर गायब होने की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने बैंक के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। मौके पर पहुंचे एसीपी नौबस्ता अभिषेक कुमार पांडेय ने बताया कि मामले की जानकारी बैंक अधिकारियों को दी गई है। पीड़िता की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा।
40 साल पुरानी कस्टमर हैं पीड़िता रमा
बैक लाकर धारक रमा ने बताया कि वे बैंक ऑफ बड़ौदा किदवई नगर की 40 साल पुरानी कस्टमर है। सात साल पहले बैंक में दो लॉकर लिए गए थे जो उनके और उनके पति सूर्य कुमार अवस्थी के ज्वाइंट अकाउंट है। इस बैंक में उनके 57 और 70 नंबर के दो लॉकर है। पीड़िता की बेटी श्रद्धा ने बताया कि पहले उनके लाकर बैंक आफ इंडिया में थे। बैंक आफ बड़ौदा के कर्मचारियों के कहने पर सात साल पहले दो लाकर लिए गए थे।
चार पीढ़ियों के जेवर थे लाकर में
रमा ने बताया कि दोनों लाकरों में मेरे, बेटी श्रद्धा, नंद व बहू समेत चार पीढ़ियों के जेवर रखे हुए थे। जेवर गायब होने पर रमा होते हुए अधिकारियों से बोली की हमारा तो सब कुछ चला गया। इसके बाद श्रद्धा ने उनको संभालते हुए ढांढस बंधाया।
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