Unnao News : ला मैं तेरी गीता पढ़ दूं, तू पढ़ मेरी कुरआन, एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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उन्नाव में 220 हिंदू बंदियों ने व्रत तो 165 ने रोजा रखा।

उन्नाव जिला जेल में नवरात्र व रमजान की जुगलबंदी में कौमी एकता की बयार बह रही। इसमें 220 हिंदू बंदियों ने नवरात्र व्रत रखा है। जबकि 165 रोजेदार खुदा की इबादत कर रहे।

उन्नाव, [प्रकाश तिवारी]। ‘मैं मुस्लिम हूं, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसान, ला मैं तेरी गीता पढ़ दूं, तू पढ़ मेरी कुरआन, अपने तो दिल में है दोस्त, बस एक ही अरमान, एक थाली में खाना खाये सारा हिन्दुस्तान’। किसी कवि की लिखी ये पंक्तियां इन दिनों उन्नाव जिला कारागार में सजीव होती दिख रही हैं। नवरात्रि और रमजान के एक साथ होने पर जिला कारागार के दोनों धर्मों के बंदी अपनी अपनी आस्था में लीन में होकर उपर वाले से अपने गुनाहों की मांफी की दुआ कर रहे हैं।  

जिला कारागार में मौजूदा समय में कुल 1433 बंदी हैं। जिनमें 220 हिंदू बंदी देवी उपासन के पावन पर्व नवरात्र का व्रत रख रहे हैं। इनमें आठ महिलाएं भी शामिल है। वहीं दूसरी ओर रमजान की बात की जाए तो जेल के 165 मुस्लिम बंदी रोजे से हैं। इनमें भी पांच महिला बंदी शामिल हैं। व्रत व रोजा रखने वालों के लिए जेल प्रशासन भी जेल मैनुअल के हिसाब से फलाहार व खान पान की व्यवस्था करा रहा है।

जेल अधीक्षक राम शिरोमणि यादव ने बताया कि मौजूदा समय में तकरीबन 385 बंदी ऐसे हैं जो नवरात्र का व्रत या फिर रोजा रख रहे हैं। जेल मैनुअल के हिसाब से सभी के खान पान का इंतजाम कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नवरात्र में पहले और आखिरी दिन व्रत रखने वालों की संख्या बढ़ जाती है। वहीं रोजेदारों में दिनों के हिसाब से संख्या घटती रहती है। सभी बंदी अपनी अपनी बैरकों में अपनी धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से पूजा और बंदगी कर रहें हैं।  

खौफ कहो या सम्मान, सिर झुकाता हर इंसान!

मंदिर-मस्जिद का झगड़ा सिर्फ दुनियादारी तक सीमित है। सही मायने में पूजा व इबादत के लिए जगह नहीं बल्कि दिल में श्रद्धा होनी चाहिए। जेल में नवरात्र व रोजे का समागम भी कुछ ऐसी ही तस्वीर बयां कर रहा है। इस नजारे का एक पहलू यह भी है कि दुनियां में कोई भले किसी से न डरता हो या किसी का सम्मान न करता हो लेकिन, हमारी धार्मिंक जड़े कहीं न कहीं उन्हें ऊपर वाले (ईश्वर) के सामने झुका ही देती हैं। 

व्रत साधकों के लिए ये है फलाहार

जेलर अमरजीत सिंह ने बताया कि जेल मैनुअल के मुताबिक नवरात्र व्रत रखने वालों को 750 ग्राम आलू, आधा लीटर दूध, तीन केले व 60 ग्राम चीनी रोजाना दी जाती है। 

रोजेदारों के इफ्तार व सहरी का भी होता इंतजाम

रोजा रखने वालों को इफ्तार में नींबू, चीनी, बिस्किट व खजूर के साथ रात का खाना दिया जाता है। जबकि सहरी के लिए 100 ग्राम दही व बंद दिया जाता है। जेल अधीक्षक राम शिरोमणि यादव ने बताया कि रोजेदारों को इफ्तार व सहरी की सामग्री एक साथ दे दी जाती है।

व्रत व रोजे रखने वाले बंदियों से नहीं लिया जाता काम

जेल में रोजे व नवरात्र व्रत रखने वाले बंदियों-कैदियों के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखा जाता है। इसीलिए व्रत रखने वालों से इस दौरान किसी प्रकार का काम नहीं लिया जाता है। रोजे व व्रत रखने वाले बंदियों की विशेष निगरानी भी की जाती है। 

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