लखनऊ: प्रेम रावत की पुस्तक ‘‘स्वयं की आवाज” के विमोचन में बना रिकॉर्ड, उमड़ा जनसैलाब

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। रमाबाई अम्बेडकर मैदान रैली स्थल में प्रेम रावत  ने एक कार्यक्रम में विशाल जन समूह को सम्बोधित किया। अवसर था उनकी नयी पुस्तक ‘‘स्वयं की आवाज़” के लोकार्पण का जिसे विश्व प्रसिद्ध प्रकाशक हार्पर कॉलिंस ने हिन्दी मे प्रकाशित किया है। इस अवसर भारी तादात में लोग प्रेम रावत को  सुनने के लिए आये हूए थे। 

इस पुस्तक विमोचन समारोह को गिनीज विश्व रिकॉर्ड से नवाज़ा गया है जिसमें प्रेम रावत ने लाख लोगों के बीच अपनी पुस्तक का विमोचन किया और जिसके परिणाम स्वरूप इस तरह के कार्यक्रम में  6786 लोगों का पुराना रिकॉर्ड टूट गया। सर्वप्रथम प्रेम रावत ने अपनी पुस्तक के कुछ पन्नों को पढ़कर सुनाया जिसे  पुस्तक-प्रेमियों ने शांति पूर्वक  सुना और उसका आनंद लिया । ‘‘स्वयं की आवाज़” प्रेम रावत की अंग्रेजी पुस्तक ‘‘हियर योरसेल्फ” का हिन्दी संस्करण  है। इस कार्यक्रम में मॉडरेटर अभिनेत्री भग्यश्री रहीं। 

पुस्तक के लोकार्पण के पश्चात् प्रेम रावत ने अपने सम्बोधन में जीवन में व्याप्त शोर को शांत करने के बारे में मार्गदर्शन दिया ताकि हम अपने अंदर की असली आवाज़ सुन सकें। उन्होंने आगे कहा कि शांति मानवता की सबसे बड़ी उपलब्धि है। प्रत्येक मनुष्य के अंदर शांति का भंडार है पर क्या आपने अपने जीवन में उसका अनुभव किया है या नहीं? पिछले छः दशकों से मेरी कोशिश यही रही है कि मैं लोगों  को यह प्रेरणा दे सकूं कि वो अपने जीवन में  शांति का अनुभव कर सकते हैं। 

उन्होंने  श्रोताओं को जीवन में मात्र विश्वास से हटकर अनुभव से जुड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हम सभी एक बूँद हैं, जिसमें समुद्र समया हुआ है और एक दिन यह  बूँद समुद्र में समा जायगी। जब तक हम एक बूँद हैं, हम उस अनंत का अनुभव कर सकते हैं। प्रेम रावत ने समझाया कि यह जीवन बार बार नहीं मिलेगा। यदि हमारे जीवन में प्रकाश हो जाए तो हम सब भी उन उपहारों को पाएंगे जो हमें इस जीवन के रूप में मिले हैं।

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