हल्द्वानी: प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में एक भी लाइब्रेरियन नहीं

राज्यभर के119 डिग्री कॉलेजों में स्वीकृत हैं लाइब्रेरियन के 25 पद 

हल्द्वानी: प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में एक भी लाइब्रेरियन नहीं

महाविद्यालयों में किताबों का रखरखाव हो रहा प्रभावित

हल्द्वानी, अमृत विचार। लाइब्रेरियन के खाली पद महाविद्यालयों की रीढ़ कमजोर कर रहे हैं। इससे किताबों का रखरखाव प्रभावित हो रहा है। साथ ही समय पर विद्यार्थियों को किताबें भी नहीं मिल रही हैं। मुखिया के अभाव में कॉलेज के पुस्तकालयों में उपलब्ध किताबें धूल फांक रही हैं। प्रदेश में 119 राजकीय महाविद्यालय हैं।

इनके लिए लाइब्रेरियन के 25 पद स्वीकृत हैं। इनमें आज तक पुस्कालयाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी है। 
हालही में महाविद्यालयों में उपलब्ध किताबों के डिजटलीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई है। ई-ग्रंथालय एप भी इन किताबों को अपलोड किया जा रहा है। मगर लाइब्रेरियन न होने से लाइब्रेरी से संबंधित कार्य समय पर नहीं हो रहे हैं और न ही इनमें पारदर्शिता आ रही है।

एमबीपीजी कॉलेज की लाइब्रेरी में करीब डेढ़ लाख किताबें हैं। इन किताबों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। अब तक 11 हजार किताबों को ही ऑनलाइन किया गया है। पुस्तकालय अध्यक्ष का पद यहां भी खाली है। सहायक पुस्तकायल अध्यक्ष के कंधों पर सारी जिम्मेदारी है।

सहायक निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. प्रेम प्रकाश ने बताया कि प्रदेश के महाविद्यालयों के लिए लाइब्रेरियन के 25 पद स्वीकृत हैं, जिनमें सभी पद खाली हैं। लोक सेवा आयोग को इन पदों को भरने के लिए अधियाचन भेजा गया है। जल्द ही ही इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। 


प्रयोगशाला सहायक के 107 पद भरे जाएंगे 

उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला सहायक के 107 पद भरने की तैयारी है। निदेशालय से इन पदों के लिए लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेज दिया गया है। जल्द ही अधियाचन स्वीकृत होने की उम्मीद है। प्रयोगशाला सहायक के पद लंबे समय से खाली हैं। कर्मचारी की कमी से प्रयोगशाला संबधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं।