मिस्र में नहीं बरेली के रामनगर में सबसे प्राचीन पिरामिड

एसआरएमएस में लेखक-शोधकर्ता प्रवीन मोहन का प्राचीन भारत के गौरव पर अतिथि व्याख्यान

मिस्र में नहीं बरेली के रामनगर में सबसे प्राचीन पिरामिड

बरेली, अमृत विचार : लेखक, शोधकर्ता एवं यूट्यूबर प्रवीन मोहन ने दावा किया है कि दुनिया के सबसे प्राचीन पिरामिड मिस्र में नहीं बल्कि बरेली के रामनगर में हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में विज्ञान काफी उन्नत था। देश में इंजीनियरिंग और शल्य चिकित्सा का प्रयोग तबसे होता आ रहा है, जब दूसरी सभ्यताओं ने ठीक से चलना भी नहीं सीखा था।

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प्रवीन मोहन ने यह बात मंगलवार को श्री राममूर्ति स्मारक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में प्राचीन भारत में उन्नत विज्ञान एवं इंजीनियरिंग विषय पर अतिथि व्याख्यान के दौरान कही। उन्होंने इंजीनियरिंग और मेडिकल के छात्र-छात्राओं को प्राचीन भारत में उन्नत विज्ञान, इंजीनियरिंग और शल्य चिकित्सा के बारे में बताया।

साथ ही अजंता एलोरा की गुफाओं, पौराणिक काल की लेथ मशीन, सूर्य मंदिर कोणार्क, मंगलनाथा स्वामी मंदिर में शेर के मुंह में गेंद, गुजरात में सौ किलोमीटर से ज्यादा लंबी सुरंगों, कर्नाटक में नदी के नीचे नक्काशी, रामायण काल की किष्किंधा कहे जाने वाले विरुपाक्ष मंदिर हंपी में 56 संगीतमय खंभों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इन खंभों को तोड़कर अंग्रेज वैज्ञानिकों ने रहस्य समझने की कोशिश की, लेकिन ये खंभे अंदर से खोखले थे। उन्होंने कंबोडिया के विश्व प्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर का भी जिक्र किया। देश और देश से बाहर फैले पुरातन मंदिरों में पत्थरों पर गर्भ में भ्रूण की अवस्था, बच्चे के जन्म, शल्य चिकित्सा की असंख्य कलाकृतियों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये सब दुनिया को हैरान करने वाला था।

इसी तरह दुनिया का सबसे प्राचीन पिरामिड बरेली के रामनगर क्षेत्र में है न कि मिस्र में।इससे पहले एसआरएमएस सीईटी के प्राचार्य डा. प्रभाकर गुप्ता, एसआरएमएम सीईटीआर के प्राचार्य डा. एलएस मौर्य एवं ट्रेनिंग, डेवलपमेंट व प्लेसमेंट सेल के डायरेक्टर डा. अनुज कुमार ने सीईटी के शतिक प्रेक्षागृह में और मेडिकल कालेज के प्राचार्य एयर मार्शल

(सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला ने मेडिकल कालेज के ऑडिटोरियम में पौधा देकर प्रवीन मोहन और ऋचा त्रिपाठी का स्वागत किया। इस मौके पर डीएसडब्ल्यू डा.क्रांति कुमार और अन्य फैकल्टी मौजूद रहे।

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