UP Nikay Chunav: मेयर चुनाव में सपा को जीत का इंतजार, 28 साल में प्रत्याशी को नसीब नहीं हुआ पहला नंबर, ये है वजह

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर मेयर चुनाव में सपा को जीत का इंतजार।

कानपुर मेयर चुनाव में सपा को जीत का इंतजार। बीते 28 सालों में सपा के मेयर प्रत्याशी दूसरे, तीसरे व चौथे नंबर पर रहे।

कानपुर, [विकास कुमार]। नगर निगम बनने के 28 साल हो चुके हैं, लेकिन आज तक समाजवादी पार्टी की साइकिल महापौर के चुनाव में जीत की दौड़ नहीं लगा सकी है। सपा कभी दूसरे, तीसरे तो कभी चौथे नंबर पर सिमट गई।  लेकिन पार्टी इस बार जीत की उम्मीद लगाए बैठी है।   

महापौर पद के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बार आर्यनगर से पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेयी की पत्नी वंदना बाजपेयी को प्रत्याशी घोषित किया है। ब्राह्मण प्रत्याशी होने के कारण पार्टी को काफी उम्मीदें है। सपा से ब्राह्मण प्रत्याशी आने की वजह से भाजपा में ऊहापोह की स्थिति है। पार्टी अभी महापौर का प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी है। 

ऐसा रहा सपा का प्रदर्शन

वर्ष 1995 में भाजपा से सरला सिंह की जीत हुई थी। उस समय सपा की ऊषा रत्नाकर शुक्ला दूसरे पायदान पर रही थीं। साल 2000 में कांग्रेस से अनिल कुमार शर्मा जीते थे। सपा के महापौर प्रत्याशी सुरेंद्र मोहन अग्रवाल तीसरे स्थान पर रहे थे। साल 2006 में बीजेपी से रवींद्र पाटनी जीते थे। सपा के नीरज चतुर्वेदी को हार का सामना करना पड़ा था। वह चौथे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2012 में सपा ने अपना सिंबल नहीं दिया था। साल 2017 में बीजेपी से प्रमिला पांडेय की जीत हुई थी, जबकि सपा प्रत्याशी माया गुप्ता तीसरे नंबर पर रही थीं। 

वंदना बाजपेई के महापौर प्रत्याशी बनने से भाजपा में प्रत्याशी को लेकर कशमकश है। सपा प्रत्याशी भाजपा को सीधी टक्कर देंगी।  पार्टी की जीत इस बार निश्चित है।- संजय सिंह उर्फ बंटी सेंगर, महासचिव सपा कानपुर।

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