हल्द्वानी: प्रोसेसिंग प्लांट से बढ़ेगी ट्रंचिंग ग्राउंड की क्षमता
चार हेक्टेयर क्षेत्र में है ग्राउंड, एक दिन में 130 मीट्रिक टन कूड़ा डाला जाता है मैदान में
हल्द्वानी, अमृत विचार। ट्रंचिंग ग्राउंड में एक दिन में 130 मीट्रिक टन कूड़ा डाला जाता है। पिछले कुछ वर्षों में 10 मीट्रिक टन कूड़ा बढ़ गया है। हर वर्ष इसमें इजाफा हो रहा है। 4 हेक्टेयर में बने ट्रंचिंग ग्राउंड पर कूड़े का भार बढ़ता जा रहा है।
हल्द्वानी, भीमताल, नैनीताल, लालकुवां, भवाली का कूड़ा यहां डाला जाता है। मैदान में कूड़ा निस्तारण के लिए लीगेसी प्लांट लगा है। मगर वर्ष 2018 से प्रोसेसिंग प्लांट अब तक नहीं लग पाया। प्लांट के लिए उस वक्त करीब 34 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की गई थी। प्लांट के लिए टेंडर भी हुए। मगर किसी ने टेंडर नहीं लिया। तब से मामला आगे नहीं बढ़ पाया है। प्रोसेसिंग प्लांट लगने के बाद ट्रंचिंग की क्षमता 325 मीट्रिक टन हो जाएगी। प्लांट से कूड़ा निस्तारण की क्षमता बढ़ेगी। मैदान में कूड़े का पहाड़ भी नहीं बनेगा।
ट्रंचिंग ग्राउंड में साल दर साल कूड़ा बढ़ रहा है। आग लगने की घटनाएं भी यहां होते रहती हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा है। प्रोसेसिंग प्लांट लगने के बाद कुछ हद तक यह समस्या कम हो सकती है। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि ट्रंचिंग ग्राउंड में प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाना है। पूर्व में बनी डीपीआर में संसोधन कर शासन को भेज दी गई है।
ट्रंचिंग ग्राउंड पर अब सीसीटीवी की नजर
ट्रंचिंग ग्राउंड में आग लगने की घटनाएं होते रहती हैं। एक बार आग लगने पर कई दिनों तक इसमें धुआं उठता रहता है। इससे प्रदूषण बढ़ता है। आसपास रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ट्रंचिंग ग्राउंड में अब ऐसी घटनाओं पर रोक के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। मंगलवार से कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। ट्रंचिंग ग्राउंड में चार कैमरे लगाए जाएंगे, जो हर वक्त मैदान की निगरानी करेंगे।
