ग्रंथों से कहीं ऊपर था फलाहारी बाबा का चिंतन : डाॅ. शास्त्री
अयोध्या, अमृत विचार। राजगोपालमन्दिर के महन्त कौशल किशोर शरण फलाहारी बाबा के साकेत वास पर मंगलवार को श्रद्धांजलि सभा हुई। जिसमें संत - महन्तों व विद्वानों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस सभा की अध्यक्षता लक्ष्मणकिलाधीश महन्त मैथिली रमण शरण ने की जबकि संयोजन हनुमत निवास के महंत मिथिलेश नंदनी शरण ने किया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व प्राचार्य कृष्ण कुमार पाण्डेय ने किया। परम विदुषी साध्वी डाॅ सुनीता शास्त्री ने कहा फलाहारी महाराज एक अपूर्व चिन्तक थे, उनका चिन्तन ग्रन्थों से ऊपर था।
जगद्गुरू प्रपन्नाचार्य ने कहा कि फलाहारी महाराज के जाने के बाद अयोध्या अपने आप में रिक्त महसूस कर रही है। पूर्व सांसद एवं महंत डा. राम विलास दास वेदान्ती ने कहा फलाहारी बाबा जैसा संत आज तक नहीं देखा। साहित्य मंगलम् के अध्यक्ष डाॅ जनार्दन उपाध्याय ने कहा उनका ज्ञान लोक चिन्तन का ज्ञान था। उन्होंने आवश्यकता बताई कि फलाहारी महराज की स्मृति में एक ग्रन्थ तैयार किया जाये। इस सभा में रंगमहल के महंत राम शरणदास, यज्ञदेव पाठक, महंत बृजमोहन दास, डाॅ अशोक कुमार पाण्डेय, महंत वीरेन्द्र दास, स्वामी करपात्री महराज, रामशरण दास रामायणी, वैदेहीवल्लभ शरण, जगदगुरू रामदिनेशाचार्य, रघुनाथदास शास्त्री समेत तमाम संत - महंत मौजूद रहे।
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