अयोध्या : ऋषभदेव जैन मंदिर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के तीसरे दिन तपकल्याणक मनाया

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अयोध्या । नगर के रायगंज स्थित ऋषभदेव जैन मंदिर में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के तीसरे दिन तपकल्याणक मनाया गया। प्रात: भगवान का पंचामृत से अभिषेक और पूजन आदि किया गया। भक्तों को कल्याणक पूजन, माता व संतों का आशीर्वचन प्राप्त हुआ। गणिनी आर्यिका ज्ञानमती माता ने अपने प्रवचन में कहा कि तपकल्याणक में भगवान ने केशलोंच क्रिया को सम्पन्न किया। यह क्रिया शरीर से निर्ममता का परिचायक है। जैन संत अपने बालों को अपने हाथों से स्वयं से उखाड़ते हैं। इसी क्रिया को केशलोंच कहते हैं।

मुख्य प्रतिष्ठाचार्य संहितासूरि विजय कुमार जैन ने नवग्रह होम विधि-विधान पूर्वक संपन्न कराया। मध्यान्ह में इंद्र सभा का मंचन किया गया, जिसमें 32 हजार मुकुटबद्ध राजाओं का आगमन हुआ। सबने भगवान के आगे नतमस्तक होकर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए एवं महाराजा नाभिराय ने अपने पुत्र श्री ऋषभदेव का राज्याभिषेक कर दिया। इसके बाद लौकांतिक देव द्वारा पालकी से भगवान को ले जाने का मनोहारी दृश्य देखकर भक्त भावविभोर हो उठे। भगवान के जयकारों से पंडाल गुंजायमान हो गया। शाम को माता व साधु-संतों की मंगल आरती की गई। इसके पश्चात साधना मादावत-इंदौर द्वारा सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति व भगवान भरत चक्रवर्ती की दिग्विजय यात्रा निकाली गई। अमरचंद, ऋषभ, सौरभ, नमन, मनोज, भरत गुप्ता, मीडिया प्रभारी पंकज जैन सहित लखनऊ, बाराबंकी, फतेहपुर, महमदबाद आदि नगरों व कई प्रान्तों के लोग मौजूद रहे।

भक्तों का निरंतर हो रहा आगमन

प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती माता के निर्देशन व कर्मयोगी पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामी का कुशल निर्देशन व डॉ. जीवन प्रकाश जैन के कुशल संचालन में हो रहे कार्यक्रम में अनेक प्रांतों से काफी संख्या में भक्तों का निरंतर आगमन हो रहा है।

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