हल्द्वानी: बिना गुरु कैसे मिले ज्ञान, स्कूलों में पढ़ाने को पर्याप्त शिक्षक नहीं
जिले में सहायक अध्यापकों के 259 पद रिक्त
हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकारी स्कूलों में न तो संसाधान हैं और न पढ़ाने को शिक्षक। सरकारी स्कूलों की अनेदेखी लाखों विद्यार्थियों के भविष्य को अंधेरे में डाल रही है। सरकार के वादे धरातल से अब भी कोसों दूर हैं। शायद यही वजह है कि इन स्कूलों में साल दर साल विद्यार्थी घटते जा रहे हैं। विद्यालयों की मूलभूत आवश्यकताओं को तक पूरा नहीं किया जा रहा है।
जिले में प्राथमिक, जूनियर और माध्यमिक के एक हजार से अधिक स्कूल हैं। ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों का अभाव है। प्रधानाचार्य, प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों की कमी से स्कूल से जूझ रहे हैं। शिक्षा मंत्री शिक्षकों के 100 प्रतिशत पदों को हर बार भरने की बात करते हैं, लेकिन विद्यालयों में रिक्त पदों का अंबार लगा रहता है। हिंदी, अग्रेजी, गणित, विज्ञान जैसे मुख्य विषयों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं है। जिले में सहायक अध्यापकों के 259 पद खाली हैं। इनमें महिला संवर्ग के 45 और पुरुष संवर्ग के 214 पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।
मुख्य विषयों के रिक्त पद
विषय रिक्त पद
हिंदी 38
अंग्रेजी 25
गणित 10
भौतिक विज्ञान 14
रसायन विज्ञान 17
जीव विज्ञान 13
राजनीतिक विज्ञान 38
अर्थशास्त्र 35
भूगोल 23
जिले के विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के महिला और पुरुष संवर्ग में 259 पद रिक्त चल रहे हैं। आने वाले नियुक्तियों में शिक्षकों के सभी पदों को भरने का प्रयास रहेगा।
-केएस रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी
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