बरेली: गरीब नसीम को गोली मारने वाला पुलिस अफसरों और भाजपा-सपा के नेताओं का नजदीकी
बड़ी बमनपुरी के मयंक रस्तोगी और उसके साथी ताजीम ने की थी प्रियदर्शिनीनगर में कबाब स्टाल के कारीगर की हत्या
बरेली, अमृत विचार। प्रियदर्शिनीनगर में कबाब के स्टाल पर कारीगर नसीम की गोली मारकर हत्या करने वाला बड़ी बमनपुरी का मयंक रस्तोगी उर्फ गोल्डन बाबा पुलिस अफसरों के साथ भाजपा और सपा नेताओं का भी करीबी निकला। बृहस्पतिवार को पुलिस ने उसे और उसके साथी गढ़ैया के ताजीम शम्सी को गिरफ्तार कर लिया, जिसके कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर उसके पुलिस अफसरों और भाजपा-सपा के नेताओं के साथ तमाम फोटो वायरल हो गए। मयंक बाबा ने नसीर की हत्या पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से की थी, जिसे बरामद कर लिया गया है।
मयंक रस्तोगी बुधवार रात ताजीम शम्सी के साथ इनोवा गाड़ी से प्रेमनगर के प्रियदर्शिनीनगर इलाके में बीडीए ऑफिस के सामने अंकुर सब्बरवाल के स्टाल पर मटन कबाब खाने गया था। कबाब खाने के बाद मयंक ने उसे घटिया बताकर कुछ देर अंकुर सब्बरवाल से झगड़ा किया और फिर बगैर पैसे दिए ताजीम के साथ इनोवा लेकर जाने लगा। अंकुर ने इस पर अपने कारीगर नसीम को उससे पैसे लेने भेजा। नसीम ने जैसे ही इनोवा के पास जाकर मयंक से पैसे मांगे, उसने रिवाल्वर निकालकर उनकी बाईं कनपटी पर गोली मार दी। गोली लगते ही नसीम गिर पड़े। अंकुर फौरन उन्हें पास के अस्पताल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मयंक और ताजीम गोली मारने के बाद भाग निकले।
अंकुर के मयंक और ताजीम के भागते समय मोबाइल पर वीडियो बना लेने से गाड़ी का नंबर पता लगा, जिसके जरिए पुलिस ने छानबीन की तो उनकी पहचान हो गई। बृहस्पतिवार को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में मयंक ने बताया कि नसीम को उसने पिता अनिल रस्तोगी की लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारी थी। उसने बताया कि बुधवार रात वह अंकुर सब्बरवाल के स्टाल पर कबाब खाने गया था। उसका स्वाद ठीक न होने पर विवाद हुआ था। इसी के बाद उसने गुस्से में नसीम को गोली मार दी। पुलिस ने मयंक के पास से उसके पिता की रिवाल्वर भी बरामद कर ली है।
मयंक उर्फ गोल्डन बाबा की गिरफ्तारी के कुछ ही देर बाद कई पुलिस अधिकारियों के साथ उसके तमाम फोटो वायरल हो गए। कई फोटो में वह भाजपा और सपा के नेताओं के साथ भी नजर आ रहा है। पुलिस अफसरों और नेताओं के साथ उसका कितना उठना-बैठना था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन फोटो की संख्या सैकड़ों में हैं।
खुद भी खाकी वर्दी पहनने का शौकीन, कई केसों में बचा भी चुकी थी पुलिस
कुछ फोटो में वह खुद भी पुलिस की वर्दी पहने दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि पुलिस अफसरों और नेताओं के साथ अपनी तस्वीरों के दम पर ही वह लोगों को दबंगई दिखाता था। सोशल मीडिया पर उसने अपना नाम गोल्डन बाबा भी रखा हुआ था। बताया जा रहा है कि इससे पहले मयंक रस्तोगी का नाम 2014-15 में भी एक विवाद में सामने आया था। साल भर पहले भी उसने एक दंपती के साथ मारपीट की थी लेकिन सत्तापक्ष के नेताओं का दबाव पड़ा तो पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद वह लोगों को और ज्यादा दबंगई दिखाने लगा।
रोती-बिलखती पत्नी का सवाल- कैसे कटेगी मेरी और बच्चों की जिंदगी
बिना कुसूर मयंक रस्तोगी की चलाई गोली से मारे गए नसीम अहमद का परिवार काफी गरीब है लेकिन उनकी पहचान ईमानदार शख्स के तौर पर थी। कबाब का स्टाल चलाने वाले अंकुर सब्बरवाल से उनका जुड़ाव 25 साल पुराना था। अंकुर उन पर भाई जैसा भरोसा करते थे। परिवार की गाड़ी नसीम के ही दम पर खिंच रही थी। उनकी हत्या के बाद रोती-बिलखती उनकी पत्नी का सवाल था कि उनकी और उनकी बेटी की जिंदगी अब न जाने कैसे कटेगी। बताया गया कि नसीम के बेटी नहीं थी, इस वजह से उन्होंने एक बच्ची को गोद लिया था। उनके घर भी काफी जर्जर हालत में है।
मयंक का पिता अनिल भी बना अभियुक्त
सीओ फर्स्ट श्वेता यादव ने बताया कि आरोपी मयंक रस्तोगी और उसके साथी ताजीम शम्सी ने पुलिस की पूछताछ में कबाब स्टाल के कारीगर नसीम अहमद को गोली मारने की घटना स्वीकार कर ली है। मयंक रस्तोगी ने बयान दिया है कि जिस रिवाल्वर से उसने नसीम पर गोली चलाई, उसका लाइसेंस उसके पिता अनिल रस्तोगी के नाम पर है, इस कारण उसके पिता को भी अभियुक्त बनाया गया है। कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है।
कारीगर नसीम अहमद की हत्या करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों से फिलहाल पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेज दिया जाएगा। - राहुल भाटी, एसपी सिटी
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