बरेली: विकास की राह में अड़चनें, लटके 455 करोड़ के प्रस्ताव
दफ्तरों में मंजूरी की राह तक रहीं 34 औद्योगिक इकाइयों की फाइलें
अनुपम सिंह/बरेली, अमृत विचार। विकास को रफ्तार और बेरोजगारों को रोजगार देने की मंशा जिले में शत प्रतिशत अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पा रही है। विभागीय अड़चनें विकास में बाधा बनी हुई हैं। निवेशकों की कड़ी पैरवी के बाद भी दिक्कतें दूर होने का नाम नहीं ले रही हैं। 34 औद्योगिक इकाइयां और उनके 455 करोड़ के प्रस्ताव लटके हुए हैं।
योगी सरकार के प्रयासों से इन्वेस्टर्स समिट में बड़े पैमाने पर उद्योगपति निवेश करने को आगे आए। बरेली से भी काफी लोगों ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेकर एमआयू साइन किए। बहुत सी औद्योगिक इकाइयां चालू हो चुकी हैं तो कुछ पाइप लाइन में हैं। इन सबके बीच जिले की 34 औद्योगिक इकाइयों को अभी तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। किसी न किसी वजह से ये प्रस्ताव अफसरों के दफ्तर में लटके हैं। जानकारों के अनुसार इन प्रस्तावों को मंजूरी मिले तो जिले के हजारों हाथों में रोजगार आएगा।
केस-1
इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने वाले निवेशक वरुण खंडेलवाल ने तहसील फरीदपुर में फरवरी 2023 में प्रार्थना पत्र दिया था। इन्हें 2 करोड़ से सन पॉलीमर्स का उद्योग स्थापित करना है, लेकिन अभी तक एनएचएआई की तरफ से इसके लिए एनओसी नहीं दी गई है। इसलिए प्रस्ताव पास नहीं हो रहा है।
केस-2
स्टार मैकेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से 10 करोड़ से उद्याेग लगाने के लिए आवेदन करने वाले निवेशक कुमार गौरव मित्तल की फाइल भी लटकी हुई है। इनका कहना है कि 19 जनवरी, 27 फरवरी और 6 मार्च को तहसील आंवला, डीएम को प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन अलॉट की गई जमीन की पैमाइश नहीं होने से निर्माण कार्य लटका हुआ है।
केस-3
उद्यमी अनमोल गर्ग ने मीनाक्षी फिलिंग स्टेशन के नाम से उद्योग स्थापित करने के लिए फाइल डाली है, लेकिन अभी तक प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी है। इनका कहना है कि पीडब्ल्यूडी ने नया मैप बनाया है। इसलिए सभी विभागों से फायर से एनओसी लेना है, लेकिन मिलने में देरी लग रही है। तीन करोड़ का प्रस्ताव है।
केस-4
निवेश के लिए आगे आए उद्यमी विकास कुमार गर्ग ने अमर केमिकल प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से उद्योग लगाने के लिए प्रस्ताव दिया है। इनके अनुसार मास्टर प्लान की वजह से बीडीए एनओसी नहीं दे रहा है। ऐसे में एसडीएम के स्तर से कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है।
34 औद्योगिक इकाइयों के मामले लटके हुए हैं। फाइलें अलग-अलग विभागों में फंसी हैं। सभी मामले और समस्याएं ऑनलाइन हैं। यहां से लेकर लखनऊ तक के अधिकारियों के संज्ञान में हैं। समस्याओं को दूर करने के लिए हर 15 दिन में बैठक होती है। फाइलें पास हों तो प्रस्ताव आगे बढ़ें- ऋषि रंजन गोयल, उप/संयुक्त आयुक्त उद्योग।
40 हजार 85.4 करोड़ के एमओयू पर हुए हैं साइन
42051 लोगों को इन्वेस्टर्स समिट के तहत लगने वाले उद्योग से मिलेगा रोजगार
110 इकाइयों जिले में चालू हो चुकी हैं
1070.46 करोड़ का हुआ है निवेश4848 लोगों को अभी मिला है रोजगार
186 औद्योगिक इकाइयां हैं पाइप लाइन में 4277.74 करोड़ का इससे होगा निवेश
17062 लोगों को मिलेगा इससे रोजगार
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