बरेली: चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बना दिया टैक्स कलेक्टर

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बरेली, अमृत विचार। नगर निगम में मृतक आश्रित में लगे चहेते कर्मचारियों का ख्याल रखा गया है। दरअसल, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को टैक्स इंस्पेक्टर के समकक्ष कार्य दिए जाने पर आयोग से चयनित टैक्स इंस्पेक्टर परेशान हैं। साठगांठ की वजह से यह खेल लंबे समय से चल रहा है। अफसरों से लेकर कर्मचारियों की कार्यशैली …

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम में मृतक आश्रित में लगे चहेते कर्मचारियों का ख्याल रखा गया है। दरअसल, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को टैक्स इंस्पेक्टर के समकक्ष कार्य दिए जाने पर आयोग से चयनित टैक्स इंस्पेक्टर परेशान हैं। साठगांठ की वजह से यह खेल लंबे समय से चल रहा है। अफसरों से लेकर कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय स्तर पर समस्या का समाधान नहीं होने पर मामले की शिकायत अब शासन स्तर पर किए जाने की बात कही है।

बता दें, नगर निगम में अफसरों के रहमो करम से 22 मृतक आश्रितों में अधिकांश को टैक्स इंस्पेक्टर के समकक्ष टैक्स वसूली आदि से संबंधित कार्य में लगाया गया है। इनमें कई चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी शामिल हैं, जो मूल कार्य नहीं कर वसूली कर रहे हैं। लंबे समय से इनके मूल पद पर वापसी नहीं होने का मामला इन दिनों नगर निगम में चर्चा का विषय बना हुआ है।

आयोग से चयनित आठ नये टैक्स इंस्पेक्टर भी उनके समकक्ष काम दिए जाने से विरोध में है। वह दबी जुबान से अफसरों के साठगांठ से इस खेल को अंजाम देने की बात स्वीकार रहे हैं। लेकिन कार्रवाई के डर से वह खुलकर सामने नहीं आना चाहते। बताया है कि मृतक आश्रित में लगे अधिकांश कर्मचारी स्थानीय हैं।

खुद का अपमानित महसूस कर रहे टैक्स इंस्पेक्टर
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक टैक्स इंस्पेक्टर ने बताया कि लाकडाउन से पूर्व हाउस टैक्स वसूली अभियान के दौरान टीम पर साठगांठ के आरोप लगे। साथ ही यह भी बताया कि अफसरों के चहेते कर्मचारियों से अगर किसी कार्य के लिए कह दिया जाए तो वह सीधे इनकार कर देते हैं। इसके अलावा भी कई अन्य कारणों की वजह से खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं।

“यह कोई नई बात नहीं हैं। जरुरत को देखते हुए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को टैक्स वसूली के कार्य मे लगाया गया है।” -अजीत कुमार सिंह, संयुक्त नगर आयुक्त 

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