ICSE Result 2023: सिटी टॉपर अहाना अरोड़ा बोली- दुनिया घूम कर उसके बारे में लिखना चाहती हूं, यहां पढ़ें- टॉपर्स की जुबानी

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Published By Nitesh Mishra
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ICSE Result 2023 कानपुर में सिटी टॉपर और आल इंडिया रैंकिग में दूसरे पायदान पाने वाली सिटी टॉपर अहाना अरोड़ा ने नाम रोशन किया।

ICSE Result 2023 कानपुर में सिटी टॉपर और आल इंडिया रैंकिग में दूसरे पायदान पाने वाली सिटी टॉपर अहाना अरोड़ा ने नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि वह पूरी दुनिया घूम कर उसके बारे में लिखना चाहती है।

कानपुर, अमृत विचार। ICSE Result 2023 रतनलाल नगर स्थित द चिंटल्स स्कूल की 12वीं की छात्रा अहाना अरोड़ा ने 99.5 प्रतिशत अंक पाकर शहर में टाप करने के साथ आल इंडिया रैंकिग में दूसरे पायदान पर जगह बनाई। अहाना के पिता डॉ. राजेश अरोड़ा आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं , जबकि मां रागिनी अरोड़ा एयफोर्स में तैनात हैं। 

मेधावी अहाना ने बताया कि उन्हें दुनिया घूमने का शौक है। वह बंद कमरे वाली नौकरी की बजाए हर दिन कुछ बेहतर करना चाहती है। इसलिए मास कम्युनिकेशन का कोर्स कर वह दुनिया में घूम कर दुनिया के बारे में लिखना चाहतीं हैं। उन्होंने बताया कि हर प्रदेश व देश की अपनी एक अलग और अनोखी पंरपरा होती है, जिसके बारे में कई रोचक जानकारियां होती है। जिसे लिख कर वह लोगों को दुनिया के तौर तरीकों से अवगत कराएंगी। उन्होंने बताया कि 10-10 घंटे बैठकर पढ़ाई करने से बेहतर है कि स्मार्ट वर्क तरीके से पढ़ाई करें। आईएससी बोर्ड में पैर्टन में पढ़ाई करना बहुत महत्वपूर्ण है। 

मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी का सपना 

द चिंटल्स स्कूल रतनलाल नगर की विनीता मोहनानी ने आईएससी में कॉमर्स से 98.75 फीसद अंक हासिल करके शहर में तीसरा स्थान हासिल किया है। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम करने के बाद आईआईएम से एमबीए करेंगी। प्रबंधन के बाद मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी करना चाहती हैं। बर्रा चार में रहती हैं। पिता जितेंद्र कुमार मोहनानी व्यवसायी और मां वंशिका मोहनानी गृहणी हैं। 

शार्टकट से नहीं मिलती है सफलता 

द चिंटल्स स्कूल की शांभवी गुप्ता सफलता के पीछे प्रमुख वजह कड़ी मेहनत को मानती हैं। उनका कहना है कि यह शार्टकट से नहीं मिलती है। इसके लिए लगातार अभ्यास करना जरूरी है। साकेत नगर की रहने वाली शांभवी दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करेंगी। पिता नीरज कुमार गुप्ता कारोबारी हैं, जबकि मां पूजा गुप्ता हाउसवाइफ हैं। 

आईएएस बनकर शिक्षा व्यवस्था करेंगी बेहतर 

द चिंटल्स स्कूल की 12वीं की छात्रा सौम्या श्रीवास्तव ने आईएससी परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक हासिल किए। पिता स्माल आर्म्स फैक्ट्री में हैं, मां सुमिता गृहणी हैं। सौम्या आईएएस बनकर देश की बदहाल शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहती है।

गुजैनी निवासी सौम्या ने आईएससी बोर्ड में अंग्रेजी में 97, हिंदी में 99, इतिहास में 100, अर्थशास्त्र में 96, व्यायाम शिक्षा में 100 अंक हासिल किए। सौम्या के मुताबिक उन्होंने रोजाना तीन से चार घंटे पढ़ाई की। परीक्षा से एक माह पूर्व उन्होंने रिवीजन पर जोर दिया। सरकार निम्नवर्गीय परिवारों के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाए, जिससे उनमें छिपी प्रतिभा को निखार कर समाज से कदम मिलाकर चलने लायक बनाया जा सके। आईएएस बनने के बाद वह सबसे पहले गरीबों के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधा को बेहतर करने का काम करेंगी।

चार्टड फाइनेंशियल एनालिस्टस बनने की तैयारी 

किदवई नगर वीरेंद्र स्वरुप एजूकेशन सेंटर से 12वीं के मेधावी छात्र अरिहंत जैन ने 98.3 प्रतिशत अंक हासिल किए। पिता अशोक जैन स्टोन के व्यापारी हैं। कामर्स के छात्र अरिहंत ने बताया कि पिता के व्यापारी होने के नाते वह चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट की तैयारी कर रहे हैं। छात्र के मुताबिक उन्होंने प्रतिदिन शेड्यूल बनाकर करीब चार से पांच घंटे पढ़ाई की। भाई अंकित जैन भी चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट है। बड़े भाई से प्रेरित होकर वह भी चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट का कोर्स करना चाहते है। इस कोर्स में भविष्य में कई संभावनाएं हैं। व्यापार शुरु करने से पूर्व वह अकाउंटेंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट व कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी कर अनुभव हासिल कर बेहतर व्यापार शुरु करने का प्रयास करेंगें।

एकाग्रता से पढ़ाई करने से मिलता है लक्ष्य

कोई भी बड़ा से बड़ा लक्ष्य आपकी इच्छा शक्ति से बड़ा नहीं हो सकता। अगर आपके पास मजबूत दृढ़ इच्छा शक्ति है तो आप दुनिया का कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। मदर टेरेसा की 10वीं की छात्रा श्रृद्धा चतुर्वेदी ने आईसीएसई बोर्ड परीक्षा में 99.2 प्रतिशत अंक हासिल किए। 

श्रृद्धा के पिता कृष्ण मोहन चतुर्वेदी व्यापारी और उनकी मां 

आईसीएसई में 90 फीसदी अंक लेकर आई शीलिंग हाउस की रत्न लक्ष्मी मिश्रा ने कहा कि समय सारणी से पढ़ाई करने की वजह से यह सफलता मिली है। नौ घंट पढ़ाई करने से सफलता अपने आप मिलेगी। नोट्स को जरूर बनाए जिससे सफलता आसान हो जाती है। उन्होंने कहा कि माता पिता के आशीर्वाद और स्कूल शिक्षकों की मदद से पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं हुई है। कहा कि आगे देश सेवा करना चाहती हूं।

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