लखनऊ : अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी की किताबें मुफ्त में पढ़ सकते हैं बुक लवर्स

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Published By Virendra Pandey
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एक लाख से अधिक किताबें और कई भाषाओं में लिखी पाडुंलिपियां डिजिटल प्लेटफार्म पर मौजूद

लखनऊ अमृत विचार। राजधानी लखनऊ में सबसे पुरानी लाइब्रेरी की बात की जाये तो सबसे पहला नाम अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी का नाम लोगों की जुबां पर आता है। यहां पर करीब सात भाषाओं में किताबें बुकशेल्फ में सजी हुई मिल जायेंगी। हिंदी, संस्कृत, उर्दू, अंग्रेजी, अरबी, फारसी, बंगाली भाषा में मौजूद किताबों को अब डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध करा दिया गया है। लाइब्रेरी में किताबों की संख्या दो लाख के करीब बताई जा रही है। इन किताबों के करीब 80 लाख पन्ने स्कैन कर वेबसाइट पर अपलोड हो चुके हैं, बाकी बचे पन्नों को अभी भी अपलोड करने की प्रक्रिया जारी है। 

कार्यदायी संस्था के फैसिलिटी मैनेजर राज आर्यन ने बताया कि किताबों को डिजिटल प्लेटफार्म पर अपलोड किया जा रहा है। अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी की किताबें मुफ्त में पाठक लखनऊ डिजिटल लाइब्रेरी.कॉम पर जाकर पढ़ सकते हैं। अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी की इस वेबसाइट पर करीब 24 हजार डिजिटल किताबें, 27 हजार ई-जरनल,300 मनु स्क्रिप्ट, 50 हजार ई-बुक्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा लाइब्रेरी में मौजूद करीब एक लाख किताबों की जानकारी अब बस एक क्लिक में की जा सकती है। इतना ही नहीं लाइब्रेरी से अब कोई भी बुक लवर्स बिना अनुमति के किताबों को नही ले जा सकेगा। यहां बिना अनुमति के किताबों को ले जाने के दौरान मुख्य दरवाजे पर लगा स्कैनर वीप की आवाज के साथ चेतावनी जारी करता है।

कार्यदायी संस्था की टीम लीडर स्वाती गुप्ता ने बताया कि अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी में किताबों के साथ ही न्यूज पेपर और मैग्जीन भी www.lucknowdigitallibrary.com पर उपलब्ध है। इसके अलावा टर्किस हिस्ट्री की सबसे पुरानी पुस्तक भी इस लाइब्रेरी में डिजीटल प्लेटफार्फ पर उपलब्ध है।

अमीरुद्दौला लाइब्रेरी की प्रभारी लाइब्रेरियन शशिकला ने बताया कि अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना 1868 में हुई थी, लेकिन कुछ समय तक यह प्रोविंशियल म्यूजियम के तौर पर जाना जाता रहा। 1926 से मौजूदा भवन में लाइब्रेरी चल रही है। लखनऊ के कैसरबाग स्थित अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी एक ऐतिहासिक जगह है। यहां पढ़ने के लिए बेशकीमती किताबें उपलब्ध हैं। इसके अलावा ताड़ के पत्तों पर लिखा बुद्ध साहित्य भी इस लाइब्रेरी में रखा गया है।

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