G7 Hiroshima summit: जी7 बैठक में रूस पर और प्रतिबंध लगाने को तैयार विश्व के नेता

G7 Hiroshima summit: जी7 बैठक में रूस पर और प्रतिबंध लगाने को तैयार विश्व के नेता

हिरोशिमा। दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देशों के नेताओं ने ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी7) की बैठक में यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस को दंडित करने के नए तरीके खोजने पर चर्चा की योजना बनाई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कारण यूक्रेन पर मंडरा रहे परमाणु हमले के खतरे, उत्तर कोरिया द्वारा जारी मिसाइल परीक्षणों और चीन के तेजी से बढ़ते परमाणु जखीरे के मद्देनजर जापान ने परमाणु निरस्त्रीकरण को शिखर सम्मेलन का एक प्रमुख हिस्सा बनाने पर जोर दिया है। 

विश्व के नेताओं ने शुक्रवार को दुनिया के पहले युद्धकालीन परमाणु बम विस्फोट में मारे गए हजारों लोगों को समर्पित एक शांति उद्यान का दौरा किया। अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि सामूहिक तस्वीर खिंचवाने और सांकेतिक पौधारोपण के बाद रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का खुलासा किया जाएगा और उस पर पहले से लगाए गए प्रतिबंधों को लागू करने के प्रयास दोगुने करने एवं उसे जवाबदेह बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 

अमेरिका के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि अमेरिका की ओर से की जानी वाली कार्रवाई के तहत रूस के रक्षा उत्पादन से जुड़ी रूसी और अन्य देशों की करीब 70 संस्थाओं को काली सूची में डालना और 300 से अधिक व्यक्तियों, संस्थाओं, विमानों एवं पोतों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। अधिकारी ने बताया कि जी7 के अन्य देश भी रूस को और अलग-थलग करने तथा यूक्रेन पर हमला करने की उनकी क्षमताओं को कमजोर करने के लिए इस प्रकार के कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में जी7 के गैर-सदस्य अतिथि देशों के नेताओं को भी यह समझाने की कोशिश की जाएगी कि प्रतिबंधों को लागू करना इतना महत्वपूर्ण क्यों है।

 इसके अलावा, जी7 के सदस्य देशों ने चीन को लेकर चिंता जताने के संदर्भ में अकसर एकजुटता जताई है, लेकिन यह एक बड़ा सवाल है कि इन चिंताओं से निपटने के लिए कदम कैसे उठाए जाएं, क्योंकि जी7 देशों को जलवायु परिवर्तन, उत्तर कोरिया, यूक्रेन में युद्ध और बड़ी संख्या में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की ऋण समस्याओं से जुड़े मामलों में चीन के सहयोग की आवश्यकता है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ मजबूत संबंधों में जी-7 के सभी देशों का बड़ा हित है। 

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जी7 की बैठक में जी -7 के नेता चीन की ‘‘आर्थिक जबरदस्ती’’ को लेकर एक एकीकृत रणनीति का संयुक्त रूप से समर्थन करेंगे। जी-7 में जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और इटली के साथ-साथ यूरोपीय संघ भी शामिल हैं। कई अन्य देशों को भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है जिनमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया अतिथि देशों के रूप में सम्मेलन में भाग लेंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के ऑनलाइन तरीके से इसमें शामिल होने की संभावना है। 

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