'मैं भाग्यशाली था, जब वह हमारे कोच थे', सचिन तेंदुलकर ने Anshuman Gaekwad के अच्छे दिनों को याद किया 

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने गेंदबाजी करते हुए क्रीज पर दौड़ने की उनकी कमजोरी को दूर करने का श्रेय गायकवाड को दिया

'मैं भाग्यशाली था, जब वह हमारे कोच थे', सचिन तेंदुलकर ने Anshuman Gaekwad के अच्छे दिनों को याद किया 

मुंबई। सचिन तेंदुलकर ने कहा कि जब अंशुमन गायकवाड भारत के कोच थे तो वे उनके क्रिकेट करियर के कुछ अच्छे वर्षों में से एक थे और वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन पर आप हमेशा भरोसा कर सकते हैं। पूर्व सलामी बल्लेबाज गायकवाड 1997 से 1999 तक भारत के कोच रहे थे। इस दौरान तेंदुलकर ने कुछ शानदार पारियां खेली थी जिनमें शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाए गए दो शतक भी शामिल हैं। 

तेंदुलकर ने शुक्रवार को गायकवाड़ की जीवनी 'गट्स एमिडस्ट ब्लडबाथ' के विमोचन के अवसर पर कहा, मैं वास्तव में भाग्यशाली था कि जब वह हमारे कोच थे तो मुझे उनके साथ समय बिताने का मौका मिला। संभवत: जब वह कोच से तो वे मेरे करियर के बेहतर वर्ष थे। हम मेरी बल्लेबाजी और मुझे कैसा रवैया अपनाना चाहिए इसको लेकर चर्चा किया करते थे।

उन्होंने कहा,‘‘ प्रत्येक के करियर में उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन वह हमेशा आपकी मदद के लिए मौजूद रहते थे। वह ईमानदार और बेहद पारदर्शी थे। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन पर आप भरोसा कर सकते थे। उनके साथ जो भी चर्चा होती थी वह हमेशा गोपनीय रहती थी। यह किसी कोच का महत्वपूर्ण गुण होता है। हम वास्तव में एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं।’ 

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने गेंदबाजी करते हुए क्रीज पर दौड़ने की उनकी कमजोरी को दूर करने का श्रेय गायकवाड को दिया। जहीर ने कहा,‘‘वह तब कोच थे जब पहली बार मैं क्रीज पर दौड़ने की समस्या से रूबरू हुआ। मैं अपने फॉलो-थ्रू पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा था लेकिन अंशु भाई ने इसे बहुत अच्छी तरह से संभाला। अगर वह मेरी इस कमजोरी को दूर करने में मदद नहीं करते तो मेरा टीम में चयन नहीं हो पाता।

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