बेंगलुरु: एक मंच पर आए मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, शरद पवार और नीतीश कुमार, विपक्षी एकजुटता का संदेश देने की कोशिश
बेंगलुरु। कर्नाटक में सिद्धरमैया और उनकी सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के कई प्रमुख नेता नजर आए और यहां से विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। सिद्धरमैया के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने भी शपथ ली, जो राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं।
ये भी पढ़ें - मोदी सरकार का ‘एजेंसी राज’ हमारे काम को चुनौतीपूर्ण बनाता है : CM ममता बनर्जी
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान खचाखच भरे श्री कांतीरवा स्टेडियम में सबकी निगाहें मंच पर इसलिए बार - बार जा रही थीं कि वहां देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता और विपक्ष शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। वे एक दूसरे से बड़ी गर्मजोशी से मिल रहे थे। विपक्षी नेताओं ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर विजयी मुद्रा में ऊपर उठाया और एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की।
कुछ ऐसा ही दृश्य पांच साल पहले बेंगलुरु में एच डी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में भी देखने को मिला था। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे , पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी , पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार , बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार , बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव , तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक नेता एम के स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी , और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया।
वामपंथी दलों के प्रमुख नेता भी इस शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा और भाकपा (माले) के प्रमुख दीपांकर भट्टाचार्य ने भी इस समारोह में भाग लिया। इस शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने दल की तरफ से लोकसभा में पार्टी की उप नेता काकोली घोष दस्तीदार को भेजा था। कांग्रेस ने इस समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल , तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को आमंत्रित नहीं किया था। बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को भी आमंत्रित नहीं किया गया था।
अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रयास के तहत खरगे कई विपक्षी नेताओं से बात और मुलाकात कर चुके हैं। दूसरी तरफ नीतीश कुमार भी कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर एक मंच पर आने की सलाह दे चुके हैं।
आने वाले दिनों में बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हो सकती है। कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट अपने नाम कीं , जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश : 66 और 19 सीट जीतीं।
ये भी पढ़ें - सरकार ने अध्यादेश लागू कर जता दिया है कि अंतिम फैसला उसी का होगा: कपिल सिब्बल
