अयोध्या: हमारे यहां 1500 में बदले जाते हैं दो हजार के नोट! RBI के फैसले के बाद Social Media पर चल रहे व्यंग्य

अयोध्या: हमारे यहां 1500 में बदले जाते हैं दो हजार के नोट! RBI के फैसले के बाद Social Media पर चल रहे व्यंग्य

अयोध्या/अमृत विचार। हमारे यहां 1500 में दो हजार रुपये के नोट बदले जाते हैं। अगर आप के पास भी दो हजार के नोट हैं तो उन्हें फेंके और जलाएं नहीं बल्कि मुझे सूचना दें। दो हजार के नोट की चिप गड़बड़ हो गई। दरअसल यह वाक्य हमारे नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर चल रहे व्यंग्य हैं। 
      
शुक्रवार शाम दो हजार के नोट के चलन से बाहर करने का ऐलान होते ही 2016 की तरफ की खलबली तो नहीं मची, लेकिन सोशल मीडिया पर खिल्ली बहुत उड़ी। हर कोई फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम पर व्यंग्य करता दिखा। पूरा सोशल मीडिया दो हजार के नोट बंद करने की खबर से पटा पड़ा था। कई ने यहां तक लिख दिया कि इस बार भाइयों-बहनों और मित्रों नहीं आए। 

एक फेसबुक यूजर सचिन ने लिखा कि अच्छा हुआ आज मैं दो हजार के नोटों की गड्डी नहीं लाया, नहीं तो बर्बाद हो जाता। दरअसल आठ नवंबर 2016 की रात आठ बजे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और एक हजार के नोट बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद लोगों में खलबली मच गई थी। लोग बैंकों में सुबह से शाम तक लाइन लगाए देखे गए थे।

 हालांकि इस बार लोगों का मानना है कि अमूमन लोगों के पास दो हजार के नोट ही नहीं हैं। वापस करने की तो बात ही छोड़िए। फिलहाल आरबीआई ने 30 सितंबर तक के लिए नोटों को वैध कर रखा है। 23 मई से बैंकों में इन्हें जमा कराया जा सकता है। एक बार में दस ही नोट बैंक वाले लेंगे। 

व्यापारी बोले- फायदा और नुकसान दोनों 
पूरा बाजार के बिल्डिंग मैटीरियल के थोक व्यवसायी राकेश यादव कहते हैं कि नोटबंदी की घोषणा होते ही कई ग्राहक 2000 का नोट लेकर सामान लेने आए और कुछ बकाएदारों ने भी 2000 का नोट देकर अपना बकाया भुगतान किया। नोट बंद होने से व्यापारियों को फायदा भी होगा और नुकसान भी।

कालेधन के रूप में छिपाया गया है नोट 
आरबीआई के फैसले का गोसाईगंज कस्बे के इलेक्ट्रिक उत्पादों के विक्रेता प्रदीप जायसवाल ने सराहना की है। उनके मुताबिक बड़े नोट भ्रष्टाचार को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। वैसे भी बाजारों में दो हजार के नोट अब बहुत ही कम दिखाई पड़ते हैं। कुछ ने काले धन के रूप में छिपा रखा है। 

नोटबंदी से कोई सुधार नहीं हुआ
शहीद भगतसिंह स्मृति ट्रस्ट के चेयरमैन सत्यभान सिंह जनवादी ने नोटबन्दी को सरकार की नाकामी बताया। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने बड़ा एलान किया है। इसका मतलब यह नहीं कि नोट की वैधता समाप्त होगी। फिलहाल, 2000 रुपये के नोट वैध रहेंगे। आज तक कोई सुधार नोटबंदी से नही हुआ।