रिजर्व बैंक दो हजार की नोट बन्द करने के कारणों को करे सार्वजनिक- CM भूपेश 

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रिजर्व बैंक से दो हजार की नोट बन्द करने के कारणों को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि बार बार नोटबंदी से करेंसी का विश्वास खत्म हो रहा है। बघेल ने बेंगलुरू में कर्नाटक मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से लौटने पर विमानतल पर पत्रकारों के नोटबंदी पर पूछे प्रश्नों पर यह टिप्पणी करते हुए कहा कि इस बारे में प्रश्न पूछने के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर ही सबसे उपयुक्त व्यक्ति है।

उन्होने कहा कि जब 2016 में दो हजार के नोट शुरू किए गए तो इसमें चिप लगे होने और काला धन को खत्म करने की दिशा में इसे बहुत बड़ा कदम बताते हुए जोर शोर से नियोजित प्रचार हुआ था,लेकिन काला धन तो खत्म नही हुआ नोट का ही आस्तित्व खत्म हो रहा है। उन्होने कहा कि दो हजार की नोट बन्द करने के क्या कारण है यह तो बताया जाना चाहिए। एक हजार को बन्द कर दो हजार शुरू करने के निर्णय पर उस समय भी सवाल उठे थे, अब इसको बन्द करने का निर्णय एक तरह से..थुक कर चाटना.. की कहावत को चरितार्थ कर रहा है।

उन्होने कहा कि इन नोटो को छापने में 1600 –1700 करोड़ रूपए लगे,यह टेक्सपेयर का धन है, मनमानी निर्णयों से उसे लुटाना कहां तक ठीक है। मोदी सरकार पर सत्ता में आने के बाद से मनमानी निर्णयों के जरिए देश को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए बघेल ने कहा कि 2016 में नोटबंदी का निर्णय हो या,मनमानीपूर्ण ढ़ग से जीएसटी लागू करना हो या फिर मनमानी तरीके से लाकडाउन लागू करना हो,यह ऐसे कदम है जिससे अन्य वर्गों के अलावा व्यवसायी एवं उद्योगपति बहुत प्रभावित हुए है। उन्होने कहा कि लाखों उद्यमियों का लगातार भारत छोड़कर जाना इसका स्पष्ट उदाहरण है।एक प्रश्न के उत्तर में उन्होने मजाकिया अंदाज में कहा कि..मेरे पास तो दो हजार की नोट नही है..। 

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