शादी के बाद भी ऐसे ले सकते हैं सिंगल लाइफ का मजा, इन दिनों चल रहा वीकेंड मैरिज का ट्रेंड

शादी के बाद भी ऐसे ले सकते हैं सिंगल लाइफ का मजा, इन दिनों चल रहा वीकेंड मैरिज का ट्रेंड

शादी एक ऐसा रिश्ता है जिसे हर देश और हर धर्म में अलग-अलग तरीके से निभाया जाता है। शादी की प्रक्रिया में भी इसके हिसाब से अंतर देखा जाता है। वहीं इन दिनों एक अलग तरह की शादी का ट्रेंड सामने आया है। जिसे वीकेंड मैरिज कहा जाता है। बता दें कई देशों में कपल्स को शादी का यह नया कॉन्सेप्ट काफी पसंद आ रहा है। आपको बता दें वीकेंड मैरिज की शुरुआत जापान से हुई है। इस तरह की शादी में कपल शादीशुदा होते हुए भी सिंगल लाइफ का मजा ले सकते हैं। ऐसे में कपल को वीकेंड मैरिज काफी प्रभावित कर रही है और दूसरे देशों में भी वीकेंड मैरिज का कॉन्सेप्ट फैल रहा है। तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर वीकेंड मैरिज होती है क्या और लोगों को वीकेंड मैरिज क्यों पसंद आ रही है।

जानिए वीकेंड मैरिज क्या है?
बता दें वीकेंड मैरिज को सेपरेशन मैरिज भी कहते हैं। इसके नाम से ही साफ है कि इस तरह की शादी में कपल एक दूसरे से सिर्फ वीकेंड पर ही मिलते हैं। सप्ताह के बाकी दिन कपल अपने कामों में बिजी रहते हैं और एक दूसरे के जीवन में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करते हैं। इस तरह की शादी में कपल एक घर में रहकर भी अलग अलग कमरों में सोते हैं। कुछ कपल तो अलग अलग घरों में रहते हैं। इसके अलावा वीकेंड मैरिज करने वाले कपल अलग शहरों या दूसरी सोसाइटी में भी रहते हैं और हफ्ते- दो हफ्ते तक नहीं मिलते हैं।

वीकेंड मैरिज करने की वजह
भारत जैसे देशों के लिए इस तरह की शादी काफी अटपटे कॉन्सेप्ट पर है, क्योंकि यहां शादी एक अटूट रिश्ता है। शादी के बाद लोग एक परिवार बनाते हैं और पति-पत्नी एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। हालांकि जापान में वीकेंड मैरिज की शुरुआत होने की वजह हैं लोगों की व्यस्तता। जापान के लोग अपने करियर और लाइफस्टाइल को लेकर काफी फोकस हैं। वह अपने करियर या लाइफस्टाइल के लिए भावनात्मक जरूरतों को दूर रखने का यह एक तरीका जापान के लोगों ने निकाला।

वीकेंड मैरिज के कुछ फायदे और नुकसान भी होते हैं। तो चलिए इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं। 

वीकेंड मैरिज के फायदे
बता दें वीकेंड मैरिज को जापान के अलावा भी कई देशों में पसंद किया जा रहा है। इस तरह की शादी के कई फायदे हो सकते हैं। 
-कपल शादी के बाद भी अपना जीवन पहले की तरह की खुलकर जी सकते हैं। शादी के बाद भी लोगों के पास खुलकर जीने की आजादी होती है, क्योंकि वह अपने पार्टनर से हफ्ते में वीकेंड पर ही मिलते हैं।
-वीकेंड मैरिज करने वाले कपल अपने करियर और रिश्ते दोनों को अच्छे से संभाल सकते हैं। उनके पास अपने करियर व नौकरी के लिए वक्त रहता है और जीवनसाथी से हफ्ते में कुछ दिन मुलाकात होने पर रिश्ते में निरसता नहीं रहती है।
-अक्सर जब कपल एक दूसरे के साथ रहने लगते हैं तो छोटी-छोटी बातें मुद्दा बनने लगती हैं और कलह की वजह बन जाती हैं। वीकेंड पर मिलने पर कपल हर एक लम्हा अपने पार्टनर के नाम कर देते हैं और उस वक्त को प्यार से जीना चाहते हैं।

वीकेंड मैरिज के नुकसान
 बता दें इस तरह की शादी के लिए पति और पत्नी दोनों का आर्थिक आत्मनिर्भर होना जरूरी है। अगर एक पार्टनर परिवार को संभालने के लिए घर पर रहता है तो वह अपने साथी के साथ की उम्मीद करने लगता है।
वीकेंड मैरिज सिर्फ कपल तक ठीक है, लेकिन बच्चे की परवरिश करने में दिक्कत आने लगती है। माता और पिता का वक्त बच्चे को नहीं मिल पाता और किसी एक पार्टनर के लिए बच्चे की परवरिश करना मुश्किल हो सकता है।
शादी में पति-पत्नी एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। पति उम्मीद करते हैं कि शादी के बाद घर के काम में पत्नी का साथ मिलेगा, लेकिन वीकेंड मैरिज में पति-पत्नी हफ्ते में एक बार ही मिलते हैं। ऐसे में उन्हें खुद के कार्य स्वयं ही करने होते हैं। इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि सिंगल की तरह ही रहना है तो शादी की जरूरत ही क्या है।

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