26 मई का इतिहास: नरेन्द्र मोदी ने 15वें प्रधानमंत्री के रूप में 2014 में संभाली देश की बागडोर 

26 मई का इतिहास: नरेन्द्र मोदी ने 15वें प्रधानमंत्री के रूप में 2014 में संभाली देश की बागडोर 

नई दिल्ली। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में 26 मई का विशेष महत्व है क्योंकि 2014 में शानदार चुनावी जीत के बाद नरेन्द्र मोदी ने आज ही के दिन देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 2019 में नरेन्द्र मोदी ने लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला और इस बार भी 26 मई की तारीख का एक खास महत्व था। 

दरअसल 26 मई 2019 को ही राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई थी कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 मई को नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे । देश के अन्य प्रधानमंत्रियों की बात करें तो आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू 15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री बने और 27 मई, 1964 को उनके निधन के बाद गुलजारी लाल नंदा को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया। वह 9 जून 1964 तक इस पद पर रहे। उनके बाद बेहद सादगी पसंद और विनम्र लाल बहादुर शास्‍त्री ने प्रधानमंत्री का पद संभाला और 11 जनवरी 1966 को उनका निधन होने के बाद एक बार फिर गुलजारी लाल नंदा को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया। 

इस बार उनका कार्यकाल मात्र 13 दिन का रहा और 24 जनवरी 1966 को यह जिम्मेदारी देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कंधों पर आ गई। वह 24 मार्च 1977 तक इस पद पर रहीं और इस पद की अगली बागडोर मोरारजी देसाई ने संभाली। मोरारजी देसाई 28 जुलाई 1979 तक देश के प्रधानमंत्री पद पर रहे और उनके बाद किसान नेता चौधरी चरण सिंह इस पद पर विराजमान हुए। 

चौधरी चरण सिंह का कार्यकाल 14 जनवरी 1980 तक रहा और इस तारीख के बाद इंदिरा गांधी एक बार फिर देश की प्रधानमंत्री बनीं और 31 अक्तूबर 1984 को अपने सिख अंगरक्षकों के हाथों मारे जाने तक वह इस पद पर रहीं। उनके बाद उनके पुत्र राजीव गांधी ने देश की बागडोर संभाली और एक दिसंबर 1989 तक इस पद पर रहे। 

विश्वनाथ प्रतापसिंह ने दो दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला और उसके बाद 21 जून 1991 तक चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने। इस तरह 31 अक्तूबर 1984 से 21 जून 1991 के बीच देश ने तीन प्रधामंत्री देखे। इसके बाद के पांच वर्ष पी.वी. नरसिम्हा राव ने इस पद पर कार्य किया और 16 मई 1996 को कवि ह्रदय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, जो एक जून तक ही टिक पाई। अगले प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा बने जिन्होंने एक जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक देश की बागडोर संभाली। 

इसके बाद इंद्रकुमार गुजराल 18 मार्च 1998 तक प्रधानमंत्री बनाए गए। यहां यह दिलचस्प तथ्य है कि 16 मई 1996 से 18 मार्च 1998 के बीच देश ने प्रधानमंत्री पद पर तीन चेहरे देखे और यह सिलसिला यहीं नहीं थमा 19 मार्च 1998 को देश के प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी 13 अक्तूबर 1999 तक इस पद पर टिक पाए। यह अलग बात है कि अगली सरकार भी उनके नेतृत्व में ही बनीं और वह 22 मई 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा होने तक इस पद पर रहे। इसके बाद के दस बरस डा. मनमोहन सिंह के नाम रहे। उन्होंने 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री पद संभाला। 26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बने। 

देश दुनिया के इतिहास में 26 मई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1739 : एक समय अफगानिस्तान भारत का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन मुगल सम्राट मोहम्मद शाह ने ईरान के नादिर शाह के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जिससे यह भारतीय साम्राज्य से अलग हो गया। 

1822 : नार्वे में गिरिजाघर में आग लगने से 122 लोगों की मौत। 

1926 : लेबनान ने संविधान अपनाया।

1957 : बम्बई (अब मुंबई) में जनता बीमा पॉलिसी की शुरूआत हुई। 

1969 : अपोलो यान 10 के अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटे। 1973 : बहरीन ने संविधान अपनाया।

1983 : जापान में आये 7.7 की तीव्रता वाले भूकंप से 104 लोगों की मौत। 

1987 : श्रीलंका ने जाफना में तमिल विद्रोहियों के खिलाफ अभियान छेड़ा। 

1991 : थाईलैंड में बैंकाक के निकट एक विमान हादसे में 223 लोगों की मौत। 

1999 : इसरो ने भारत, जर्मनी और दक्षिण कोरिया के तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया। 

1999 : सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने श्रीलंका के खिलाफ एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 318 रन की भागीदारी का विश्व रिकार्ड बनाया। 

2000 : हिज्बुल्लाह ने घोषणा की कि उसके लड़ाके दक्षिणी लेबनान से चले जायेंगे। 

2014 : नरेन्द्र मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 

2022 : सेनेगल के एक अस्पताल में आग लगने से 11 शिशुओं की मौत। 

2022 : आंकड़ों की गोपनीयता की रक्षा करने में विफल रहने पर सोशल मीडिया मंच टि्वटर पर लगा 15 करोड़ डॉलर का जुर्माना । 

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