मुरादाबाद : बोर्ड बैठक की राह देख रहे निर्वाचित पार्षद, सदन में बदला रहेगा नजारा

भाजपा के बहुमत वाले बोर्ड में सपा के बजाय कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाएगी

मुरादाबाद : बोर्ड बैठक की राह देख रहे निर्वाचित पार्षद, सदन में बदला रहेगा नजारा

महापौर को अपने राजनीतिक कौशल से विकास कार्यों और महत्वपूर्ण प्रस्तावों को कराना होगा स्वीकृत, जीत का अंतर कम होने से महापौर के सामने भी दमदारी साबित करने की चुनौती

मुरादाबाद, अमृत विचार। नगर निगम चुनाव के बाद निर्वाचित पार्षदों को अब शपथ ग्रहण के बाद बोर्ड बैठक का इंतजार है। वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द बैठक हो और उन्हें अपने वार्ड में विकास कार्य कराने के प्रस्ताव देने का अवसर मिले। वहीं इस बार सदन में नजारा बदला दिखेगा। पिछली बार भी बोर्ड में बहुमत भाजपा का था, लेकिन मुख्य विपक्ष की भूमिका में इस बार सपा की बजाय कांग्रेस रहेगी।

तीसरी बार महापौर बने भाजपा के विनोद अग्रवाल के नेतृत्व में 26 मई को शपथ ग्रहण कार्यक्रम पंचायत भवन सभागार में हुआ। इसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, जिले के प्रभारी मंत्री जितिन प्रसाद सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे। शपथ ग्रहण के बाद अब नवनिर्वाचित पार्षदों को बोर्ड की पहली बैठक का शिद्दत से इंतजार है। जो पहली बार चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे हैं वह इसका अनुभव लेने को आतुर हैं। हालांकि इस बार सदन में पिछली बार की तरह स्थिति नहीं रहेगी।

भाजपा के बहुमत वाली बोर्ड में इस बार मुख्य विपक्ष की भूमिका कांग्रेस निभाएगी। क्योंकि पिछली बार सपा के 16 पार्षद जीते थे जिससे वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में होने के चलते सदन में मुख्य विपक्ष की भूमिका में थी। लेकिन, इस बार के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने कड़ी टक्कर देते हुए 22 सीटें जीती हैं। हालांकि कांग्रेस नेताओं का दावा है कि उनके 23 पार्षद जीते हैं। ऐसे में दूसरा सबसे बड़ा दल होने के चलते मुख्य विपक्षी का दायित्व कांग्रेस के पार्षद निभाएंगे। इसको देखते हुए कांग्रेसी पार्षदों ने पिछले दिनों बैठक कर अनुभव मेहरोत्रा को कांग्रेस पार्षद दल का नेता भी चुन लिया है। ऐसे में अनुभव इस बार नेता विपक्ष के रूप में तेवर दिखाएंगे।

महापौर विनोद अग्रवाल ने भले ही जीत की हैट्रिक लगाई है, लेकिन जीत का अंतर पिछले बार से काफी कम होकर महज 1500 वोट पर सिमटने से उनके रुतबे पर असर पड़ा है। ऐसे में इस बार सदन में अपनी दमदारी साबित करने की चुनौती भी उनके सामने होगी। महापौर को अपने राजनीतिक कौशल से विकास कार्यों और महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृत कराकर स्मार्ट सिटी की सार्थकता साबित करनी होगी।


स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं के नाम पर लूट मची है। जनता परेशान है। बुध बाजार में अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न सहन नहीं किया जाएगा। सीवरेज लाइन खोदकर शहर को गड्ढे में तब्दील कर छोड़ दिया गया है। जगह-जगह पेयजल पाइप लाइन टूटने से गर्मी में जनता पानी के लिए तरस रही है। पहली बोर्ड बैठक में इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।-अनुभव मेहरोत्रा, नेता, कांग्रेस पार्षद दल

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