राहुल गांधी भारत-अमेरिका संबंधों को और गहरा करने में विश्वास रखते हैं: Praveen Chakravarty
वाशिंगटन। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में व्हाइट हाउस और बाइडन प्रशासन के अधिकारियों के साथ दोस्ताना बैठकें कर भारत-अमेरिका संबंधों की अहमियत को रेखांकित किया तथा उन्हें और गहरा करने पर जोर दिया। राहुल के एक करीबी सहयोगी ने यह जानकारी दी। राहुल का तीन अमेरिकी शहरों का छह दिन का दौरा शुक्रवार को समाप्त हुआ। इस दौरान, कांग्रेस नेता ने प्रमुख थिंक टैंक, मशहूर भारतीय-अमेरिकियों, मीडियाकर्मियों और बाइडन प्रशासन के अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।
The one question everyone from students at Stanford to scholars at thinktanks to press reporters are asking - will the PM also interact with us?
— Praveen Chakravarty (@pravchak) June 2, 2023
They also answer it themselves - No, he doesn’t have the guts.
This is actually what is shaming our nation abroad. pic.twitter.com/xw6IUziQE0
कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष एवं राहुल के करीबी सहयोगी प्रवीण चक्रवर्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “... प्रशासन के लोगों के साथ कुछ बैठकें हुईं। ये दोस्ताना बैठकें थीं। और इनका मुख्य उद्देश्य भारत-अमेरिका संबंधों की अहमियत को रेखांकित करना तथा इन संबंधों को गहरा करने की आवश्यकता को समझाना था।” चक्रवर्ती ने कहा, “इस दौरान, यूक्रेन और वहां युद्ध को लेकर भारत के रुख पर भी सवाल उठे।
राहुल ने निजी और सार्वजनिक, दोनों ही तौर पर यह बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि वह यूक्रेन में युद्ध की स्थिति को लेकर भारत सरकार के रुख का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।” राहुल के साथ अमेरिका गए चक्रवर्ती ने बैठकों के बारे में कोई अतिरिक्त जानकारी देने से इनकार किया। उन्होंने कहा, “मैं इन बैठकों में हुई चर्चा के बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहूंगा।
मैं बस यही कहूंगा कि हम विश्वविद्यालयों में छात्रों से मिले, शिक्षकों से मिले। हमने सिलिकॉन वैली में तकनीक जगत के पेशेवरों से मुलाकात की। हम अमेरिका के शीर्ष मीडियाकर्मियों से भी मिले। हमने थिंक टैंक के सदस्यों, अकादमिक विशेषज्ञों और विद्वानों से भी मुलाकात की। हम व्हाइट हाउस के कुछ अधिकारियों से भी मिले। हमने बाइडन प्रशासन के कुछ अधिकारियों से भी मुलाकात की। हम प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिले।”
ये भी पढ़ें:- पाकिस्तान सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़ाया बजट, दिए इस साल आम चुनाव कराने के दिए संकेत