अयोध्या : स्कूल प्रबंधक और एक छात्र को भेजा गया जेल

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Published By Pradumn Upadhyay
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नाबालिग छात्र से अनबन होने के बाद छात्रा ने की थी आत्महत्या, अवकाश के दिन गुपचुप तरीके से किया चालान, पुलिस साधे रही चुप्पी

अमृत विचार, अयोध्या । बहुचर्चित सनबीम स्कूल प्रकरण का बिना खुलासा किए पुलिस ने प्रबंधक बृजेश यादव और नाबालिग आरोपी का चालान कर कोर्ट में पेश किया। रविवार शाम पुलिस बलों की भारी संख्या के बीच दोनों को कोर्ट ले जाया गया, जहां न्यायिक हिरासत में लेकर प्रबंधक को मंडल कारागार व नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। वहीं मामले में आरोपी  गेम टीचर अभिषेक कनौजिया और प्रिंसिपल रश्मि भाटिया के खिलाफ जांच अभी जारी रहेगी। पुलिस का मानना है कि आरोपी छात्र की छात्रा से अनबन हो गई थी, जिसके बाद छात्रा ने स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी।

घटना के दसवें दिन पुलिस ने पूरे मामले को मीडिया से छिपाते हुए देर शाम दो आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। चर्चित मामले की विवेचना में जुटी कैंट पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक 43 वर्षीय बृजेश यादव निवासी देवकाली निकट बिस्क्टि फैक्ट्री कोतवाली नगर के खिलाफ नाबालिग को आत्महत्या के लिए उकसाने में मदद करने, साक्ष्य मिटाने तथा लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। वहीं 17 वर्षीय नाबालिग आरोपी पर आत्महत्या के लिए नाबालिग को उकसाने, मानव जीवन को खतरा पैदा करने में लापरवाही बरतने और साजिश का आरोप लगाया है। नाबालिग आरोपी को पुुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की जज साक्षी सिंह के समक्ष प्रस्तुत किया। जहां से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। पूरे मामले पर जब सीओ सिटी शैंलेंद्र सिंह सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने सिर्फ इतना ही बताया कि मामले का खुलासा कर दिया गया है।

एफआईआर से हटा दी गईं ये संगीन धाराएं

सनबीम स्कूल में 10वीं की छात्रा के मौत के मामले में पुलिस ने पिता की तहरीर पर स्कूल प्रबंधक बृजेश यादव, प्रिंसिपल रश्मि भाटिया और गेम टीचर अभिषेक कनौजिया पर संगीन धाराओं में थाना कैंट पुलिस ने केस दर्ज किया था। सूत्र बताते हैं कि एसआईटी की जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने 376डी, 120बी, 302 व पॉक्सो एक्ट की धाराएं हटा दी हैं। बताया जा रहा है कि अभी प्रिंसिपल और गेम टीचर के खिलाफ जांच चल रही है। 

सोशल मीडिया पर हुई पुलिस की निंदा

सनबीम प्रकरण में आठ दिन तक चली एसआईटी जांच और मामले में आई रिपोर्ट के बारे में पुलिस ने अभी तक खुलकर कुछ नहीं बताया है। घटना के पहले दिन से आखिरी दिन तक सिर्फ यही कहा जा रहा था कि जांच जारी है और जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। रविवार को गुपचुप तरीके से मामले का खुलासा किया तो चौतरफा पुलिस की निंदा होने लगी। सोशल मीडिया पर लोगों ने भड़ास निकाली। 

आरोपी छात्र करता था छात्रा को परेशान

पुलिस ने न तो मामले का खुलासा किया और न ही कोई प्रेस नोट जारी किया, लेकिन सूत्र बताते हैं कि आरोपी छात्र छात्रा को परेशान किया करता था। पुलिस ने जब छात्रा का मोबाइल अपने कब्जे में लिया तो सारी कड़िया खुलती चली गईं। बताया जाता है कि छात्रा के मोबाइल में पुलिस को छात्र से चैटिंग मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच का एंगल आरोपी नाबालिग छात्र की ओर मोड़ दिया था जब उसके बारे में पता किया तो जाना कि वह दिल्ली गया है। पुलिस के मुताबिक छात्रा का छात्र से अनबन भी हो गया था, जिसके बाद से छात्र उसे परेशान भी करता था। इसी से आजिज आकर उसने आत्महत्या को ही एकमात्र रास्ता चुना था। सूत्र बताते हैं कि  स्कूल की छत से छात्रा के लिए कूदना आसान नहीं था क्योंकि रेलिंग काफी ऊंची थी। इसलिए उसने पहले ईंट के चट्ट  लगाए और छत से छलांग लगा दी। 

दिल्ली से एसटीएफ ने पकड़ा था आरोपी छात्र को

आरोपी छात्र को एसटीएफ ने दिल्ली से पकड़ा था। यह लड़का भी सनबीम स्कूल का ही छात्र है। वह अपनी मां के साथ घटना वाले दिन ही नानी के यहां दिल्ली चला गया था। पुलिस ने जब उसे उठाया और उसका फोन चेक किया तो सारी कहानी क्लीयर हो गई।

क्या है मामला

सनबीम स्कूल में दसवीं की छात्रा 26 मई को स्कूल में गिर गई थी। स्कूल प्रशासन ने पुलिस और परिजनों को सात घंटे तक अंधेरे में रखा कि वह झूले से गिरी है। नहरबाग स्थित एक निजी चिकित्सालय में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मामले में देर शाम वीडियो वायरल होने के बाद स्कूल प्रशासन की पोल खुली थी। दूसरे दिन पिता की तहरीर पर पुलिस ने प्रबंधक, प्रिंसिपल और गेम टीचर पर केस दर्ज किया था। एफआईआर में गैंगरेप के बाद हत्या की धाराएं लगाई गई थीं। इसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट, स्लाइड टेस्ट की रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। क्राइम सीन रिक्रिएशन की रिपोर्ट में हत्या की भी पुष्टि नहीं हुई थी।  

इन सवालों का जवाब मांग रहा अयोध्या

1-छात्रा ने स्कूल में ही जाकर क्यों की आत्महत्या?
2-छात्रा के गिरने के बाद झूले वाली कहानी क्यों बनाई गई?
3-छात्रा के गिरते ही उसे सबसे पहले उठाने वाला युवक कौन था? उसके साथ गुलाबी सूट पहने महिला कौन थी?
4-घटना के बाद स्कूल प्रशासन छात्रा को सरकारी अस्पताल क्यों नहीं ले गया?
5-घटना के बाद पुलिस ने जांच क्यों नहीं शुरू की। उसका मोबाइल 15 घंटे बाद क्यों बरामद हुआ?

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