सीहोर में 50 घंटे तो सासाराम में 20 घंटे चला रेस्क्यू... फिर भी नहीं बच सकी सृष्टि और रंजन की जान

सीहोर में 50 घंटे तो सासाराम में 20 घंटे चला रेस्क्यू... फिर भी नहीं बच सकी सृष्टि और रंजन की जान

नई दिल्ली। दो राज्यों में कई घंटों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन तो रुक गया लेकिन दो मासूम जान नहीं बच पाई। एक तरफ मध्य प्रदेश के सीहोर में बोरवेल में फंसी तीन साल की मासूम सृष्टि को 50 घंटे तो वहीं, दूसरी तरफ बिहार के सासाराम में पिलर के बीच फंसे 11 साल के रंजन को 20 घंटे के रेस्क्यू के बाद बाहर तो निकाल लिया गया, लेकिन दोनों मासूम जिंदगी की जंग हार गए। गुरुवार को जैसे ही दोनों जगह बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया और अस्पताल में दोनों को ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना है कि रंजन की मौत बाहर निकालने से करीब 10 घंटे पहले तो सृष्टि की मौत 40 घंटे पहले ही हो चुकी थी।

रोहतास में पुल के पीछे फंसे बच्चे को 20 घंटे बाद बाहर निकाला गया, अस्पताल ले जाते समय मौत 
रोहतास (बिहार)। बिहार में रोहतास जिले के आतिमी गांव में सोन नदी पर पुल के खंभे और स्लैब के बीच फंसे 11 साल के एक बच्चे को 20 घंटे बाद बाहर तो निकाल लिया गया लेकिन अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गयी।

अधिकारियों ने बताया कि रोहतास जिले में मानसिक रूप से कमजोर 11 वर्षीय रंजन कुमार सोन नदी पर बने पुल के एक हिस्से में फंस गया और उसे स्लैब को काटकर वहां से निकाला गया। सदर अस्पताल के सिविल सर्जन के एन तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ लड़के को सदर अस्पताल लाया गया जहां डाक्टरों ने जांच करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।’’

रंजन बुधवार को नासरीगंज-दाउदनगर पुल पर फंस गया था। उसके पिता शत्रुघ्न प्रसाद ने स्थानीय अधिकारियों को बताया था कि मानसिक रूप से कमजोर उनका बेटा रंजन दो दिन पहले गायब हो गया था और बाद में एक महिला ने बच्चे को वहां फंसा देखा।

इससे पहले, नासरीगंज के प्रखंड विकास अधिकारी जफर इमाम ने कहा था, ‘‘यह घटना कल घटी। लड़का नासरीगंज-दाउदनगर पुल पुल के खंभे और स्लैब के बीच फंस गया।’’ उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल के विशेषज्ञ दल को तत्काल बुलाया गया जो ‘‘कल शाम से बचाव अभियान में लगा हुआ है।’’ उन्होंने कहा था कि फंसे हुए बच्चे को पाइप की मदद से ऑक्सीजन प्रदान की गयी।

बोरवेल से निकाली गई बच्ची को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया 
सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में बोरवेल से करीब 52 घंटों की मशक्कत के बाद बृहस्पतिवार को निकाली गई ढाई साल की बच्ची को अस्पताल ले जाने के बाद मृत घोषित कर दिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिग की बोरवेल में पहले ही मौत हो चुकी थी और जब उसे बाहर निकाला गया तो उसका शव सड़ी-गली हालत में मिला। 

उन्होंने कहा कि पीड़िता के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मंगलवार दोपहर करीब एक बजे मुंगावली गांव में सृष्टि 300 फुट के बोरवेल में गिर गई थी। बृहस्पतिवार शाम 5.30 बजे उसे बाहर निकाला गया और जांच के लिए एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि वह शुरू में बोरवेल में लगभग 40 फुट की गहराई में फंसी हुई थी, लेकिन बचाव कार्य में लगी मशीनों के कंपन के कारण वह लगभग 100 फुट और नीचे खिसक गई जिससे कार्य और कठिन हो गया। एक अधिकारी ने कहा कि वह बोरवेल में करीब 135 फुट की गहराई तक फिसल गई थी। 

अधिकारियों ने कहा कि सेना की एक टीम भी बचाव अभियान में शामिल हुई, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ) की टीम पहले से ही लड़की को बचाने के लिए काम कर रही थीं। उन्होंने बताया कि लड़की को बचाने के लिए बृहस्पतिवार सुबह रोबोटिक विशेषज्ञों की एक टीम भी अभियान में शामिल हुई।  

ये भी पढ़ें- लालू ने आडवाणी का रथ रोका था, अब मोदी के साथ नीतीश भी वही करेंगे: तेजस्वी यादव