मुरादाबाद : स्थायी अवैध निर्माण तोड़कर अतिक्रमण हटाने से परहेज, ठेले वालों को भगाया
निगम की टीम ने कांठ रोड पर ग्रीन बेल्ट में सड़क किनारे फल, शीतल पेय बेचने वालों को हटाया, कर निर्धारण अधिकारी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में पहुंची टीम, कई जगह नोकझोंक
मुरादाबाद, अमृत विचार। कांठ रोड पर पीलीकोठी से कोठीवाल डेंटल कालेज तक चिह्नित स्थायी और बड़े अतिक्रमण पर हाथ डालने की बजाय नगर निगम की टीम ने शुक्रवार को ग्रीन बेल्ट में सड़क की पटरियों पर ठेले पर फल, शीतल पेय, खिलौने आदि बेचने वालों को हटाया। उन्हें दोबारा इस क्षेत्र में दुकान न लगाने की चेतावनी दी। हालांकि कई ठेले वालों ने यह कहकर नोकझोंक किया कि अभियान के नाम पर प्रभावशाली लोगों को छोड़कर गरीबों के ठेले हटाकर उनके मुंह का निवाला छीना जाता है।
कर निर्धारण अधिकारी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में टीम पीलीकोठी से होते हुए ग्रीन बेल्ट में सड़क किनारे ठेले और अस्थायी दुकान लगाने वालों को हटवाने पहुंची। जेसीबी मशीन देखकर कई ठेले वाले अपना सामान समेटते हुए पुलिस अकादमी वाली गली और आसपास के अधिकारियों के आवास वाली गलियों में घुसने लगे। उनको भागते देख कई लोग अचंभित हो गए कि अचानक क्या हो गया। बाइक रिपेयरिंग की दुकान के बाहर रखे गए सामान आदि को भी टीम ने हटवाया। ग्रीन बेल्ट में सड़े-गले फल फेंक कर गंदगी करने पर ठेले वालों का चालान काटने की चेतावनी दी।
टीम को देखकर कई दुकानदार पहले ही भागने लगे तो कई ने टीम से नोकझोंक की। कहा कि सड़क की पटरियों पर स्थायी अतिक्रमण करने वाले प्रभावशाली प्रतिष्ठान संचालकों को कुछ नहीं कहा जाता। सड़क की पटरी पर ठेला लगाकर परिवार का गुजारा करने वाले गरीब वर्ग के लोगों को उजाड़ने के लिए ही बुलडोजर निकलता है। अधिकारी प्रभावशाली लोगों के द्वारा किए अतिक्रमण को क्यों नहीं ढहाते। इस पर टीम में शामिल कर अधीक्षक आदि ने कहा कि हर प्रकार का अतिक्रमण हटेगा। कर निर्धारण अधिकारी ने कहा कि ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण हटाया गया है। कांठ रोड पर चिह्नित अन्य अतिक्रमण को भी जैसे ही उच्चाधिकारियों का निर्देश मिलेगा हटाया जाएगा।
नगर निगम की पारदर्शिता पर उठ रहे सवाल
कांठ रोड पर सर्वाधिक जाम हरथला, पीएसी तिराहा और किला तिराहे पर लगता है। इन जगहों पर किए गए अतिक्रमण को मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी नगर आलोक वर्मा के नेतृत्व में लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, नगर निगम के अधिकारियों के साथ टीम ने चिह्नित किया था। लेकिन, 15 दिन से अधिक का समय बीतने के बाद भी अभी तक अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर नहीं चलाया गया। इससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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