मनुष्यों और ग्रह की भलाई के लिए मवेशियों के भी स्वास्थ्य की देखभाल करने की जरूरत : एस. चंद्रशेखर

मनुष्यों और ग्रह की भलाई के लिए मवेशियों के भी स्वास्थ्य की देखभाल करने की जरूरत : एस. चंद्रशेखर

विशाखापट्टनम। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि मनुष्यों और ग्रह की भलाई के लिए यह आवश्यक है कि इंसान मवेशियों के स्वास्थ्य की भी देखभाल करे।

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गांधी प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान (जीआईटीएएम) के विशाखापट्टनम परिसर में 14वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. चंद्रशेखर ने कहा कि ‘‘ग्रह का सर्वोच्च सेनापति’’ बनने की प्रक्रिया में मनुष्यों ने इसका (ग्रह) ‘‘दुरुपयोग’’ किया है।

चंद्रशेखर ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले दशकों में जीवन प्रत्याशा बढ़ने की संभावना है, लेकिन प्राकृतिक संसाधन सीमित रहेंगे, इसलिए युवाओं को ग्रह को अधिक ‘‘स्वस्थ और टिकाऊ’’ बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि ऊर्जा के स्रोत के रूप में कोयले को जलाने की खोज आज अभिशाप साबित हो रही हो लेकिन यह उस समय की जरूरत थी, जब इस प्रक्रिया का आविष्कार किया गया था और अब ये प्रक्रियाएं पर्यावरण अनुकूल नहीं रह गई हैं।

विख्यात वैज्ञानिक चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘तो, हम कैसे ग्रह के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ किए बिना इस प्रक्रिया को हरित बनाने जा रहे हैं ... ध्यान दिया जाए कि ग्लोबल वार्मिंग नहीं हो और हमें एयर कंडीशनर की आवश्यकता नहीं पड़े ... यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि आगे प्रौद्योगिकियां कैसे विकसित की जाती हैं।’’

उन्होंने युवाओं से प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ इन प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के चलते समाज के समक्ष पेश आने वाली चुनौतियों की पहचान करने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों से यह पता लगाने के लिए भी कहा कि उन्हें क्या बदलाव करना चाहिए ताकि प्रौद्योगिकियां और तकनीकी प्रक्रियाएं ‘‘हरित और अधिक टिकाऊ’’ बन सकें।

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